कुपवाड़ा में शहीद जवानों का शव पहुंचा बनारस, श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा कोई जनप्रतिनिधि

पाकिस्तानी सेना स्नाइपर हमले में शहीद हुए जेसीओ गमर बहादुर थापा और सूबेदार रमन थापा नेपाली मूल के रहने वाले थे। तिरंगे में लिपटा शहीदों का शव जैसे ही 39 जीटीसी कैंपस में पहुंचा, पूरा माहौल गमगीन हो गया। हर किसी की आंखें फफक पड़ीं। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए जिलाधिकारी, एसएसपी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों मौजूद थे। हालांकि इस दौरान कोई भी जनप्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा। इसे लेकर सैनिकों के परिजनों और लोगों में आक्रोश भी नजर आया।

Update:2018-12-24 17:16 IST

वाराणसी: बात-बात देशभक्ति और जवानों की दुहाई देने वाले बीजेपी नेताओं को क्या वाकई सैनिकों की कितनी फ्रिक रहती है ? जवाब है नहीं। ये बात इसलिए उठी है क्योंकि बीजेपी के जनप्रतिनिधियों और नेताओं के पास इतनी भी फुर्सत नहीं है कि वो सरहद पर शहीद होने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दे सके। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में दुश्मनों से मोर्चा लेते हुए शहीद हुए गोरखा रेजिमेंट के दो जवान का शव सोमवार को वाराणसी पहुंचा। 39 जीटीसी में सैनिक परिवारों के साथ जिले के आलाधिकारी मौजूद थे लेकिन एक भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा।

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जनप्रतिनिधियों के बर्ताव से गुस्से में सैनिकों के परिवार

पाकिस्तानी सेना स्नाइपर हमले में शहीद हुए जेसीओ गमर बहादुर थापा और सूबेदार रमन थापा नेपाली मूल के रहने वाले थे। तिरंगे में लिपटा शहीदों का शव जैसे ही 39 जीटीसी कैंपस में पहुंचा, पूरा माहौल गमगीन हो गया। हर किसी की आंखें फफक पड़ीं। शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए जिलाधिकारी, एसएसपी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों मौजूद थे। हालांकि इस दौरान कोई भी जनप्रतिनिधि श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा। इसे लेकर सैनिकों के परिजनों और लोगों में आक्रोश भी नजर आया।

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नेपाली मूल के रहने वाले थे दोनों शहीद

शहीद सूबेदार गमर बहादुर थापा 1993 में सेना में भर्ती हुए थे। वो नेपाल के जिला रेपेंदेही के करिहा गांव के रहने वाले थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटे हैं। जबकि शहीद सूबेदार रमन थापा 1996 में सेना में शामिल हुए थे। वह नेपाल के जिला रेपेंदेही के तुलसीपुर गांव के रहने वाले थे। अब उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटा है। आपको बता दें कि जमगुंड में भर्ती सेना की पोस्ट पर किए गए पाकिस्तानी स्नाइपर हमले में जेसीओ सूबेदार गमर बहादुर थापा (42) और सूबेदार रमन थापा (39) गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें शुरुआती प्राथमिक उपचार देने के बाद श्रीनगर के 92 बेस अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई थी।

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