मथुरा के इस मंदिर पर फैसला: दर्शन के लिए व्याकुल भक्त, कोर्ट के आदेश पर नजर
सात महीने बाद बीते 17 अक्टूबर को बांके बिहारी मंदिर के कपाट खुले थे। श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ हुई कि 19 अक्टूबर को कपाट बंद करने का फैसला लिया गया।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के पट दोबारा खुलवाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सोमवार को मथुरा सिविल जज जूनियर डिवीजन के यहां मंदिर खुलवाने के लिए दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। इसमें मांग की गई है कि प्रशासन को मंदिर खोलने का आदेश दिया जाए। एडवोकेट राजीव माहेश्वरी व महेंद्र प्रताप ने सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत में याचिका दायर कर नियमित मंदिर खोले जाने की मांग की है। अदालत ने याचिका स्वीकार कर ली है। उम्मीद है कि आज शाम तक कोर्ट इस पर अपना कुछ फैसला दे सकता है।
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के खुलने पर फैसला
बतातें चलें कि सात महीने बाद बीते 17 अक्टूबर को बांके बिहारी मंदिर के कपाट खुले थे। श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ हुई कि 19 अक्टूबर को कपाट बंद करने का फैसला लिया गया। मंदिर प्रशासन ने दर्शन के लिए आनलाइन व्यवस्था की थी पर भक्तों को पता नहीं था कि ऐसी व्यवस्था की गयी है, जिसके कारण वहां भक्तों की लम्बी-लम्बी कतारे लग गई और भीड को कंट्रोल करने में प्रशासन को पसीने आ गए।
गाइडलाइन का पालन न होने पर मंदिर को बंद रखने का फैसला
भीड़ को देखते हुए प्रशासन और मंदिर प्रबंधन द्वारा सरकारी गाइडलाइन के अनुपालन में की गईं तैयारियां एवं सोशल डिस्टेंसिंग आदि की जमकर धज्जियां उड़ीं। इसकी वजह से अब 19 अक्टूबर से मंदिर को बंद रखने का फैसला किया गया। इसके खिलाफ सोमवार को मथुरा सिविल जज जूनियर डिवीजन के यहां दो अलग-अलग याचिका दायर की गई हैं।
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दो दिन में ही मंदिर बंद, अब भक्तों को फैसले का इंतजार
दोनों ही याचिकाओं में श्रीबांकेबिहारी मंदिर को खोलने और नियमित दर्शन कराने के लिए जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आदेशित करने की गुहार न्यायालय से लगाई गई है। एक याचिका दो अधिवक्ताओं एनपी सिंह और राजेंद्र माहेश्वरी की तरफ से दाखिल की गई है और दूसरी याचिका श्रद्धालु हिमांशु गोस्वामी की ओर से दाखिल की गई है।
याचिका में मंदिर प्रबंधन की कमियों पर लगा आरोप
याचिका में कहा गया है कि मंदिर प्रबंधन अपनी कमियों को छिपाकर इसे कोरोना संक्रमण से ढकना चाहता है। ऐसे में भक्तों की भावनाओं को देखते हुए मंदिर खोले जाने को लेकर अदालत मंदिर प्रबंधन को आदेश दे। अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने बताया कि उनके दावे पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। उम्मीद है कि मंगलवार को इस मामले में अदालत अपना फैसला शाम चार बजे सुनाएगी।
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