किसान आंदोलन खत्म: मथुरा जिला प्रशासन की बड़ी उपलब्धि, यमुना एक्सप्रेसवे खाली
किसानों के बार बार यमुना एक्सप्रेसवे पर चढ़ने की धमकी व गणतंत्र दिवस पर हुए हंगामे के बाद गुरुवार को डीएम एसएसपी मोरकी इंटर कॉलेज के धरना स्थल पर पहुँचे
मथुरा : दिल्ली में किसान आंदोलन में हुए बवाल को देख मथुरा मेंस जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए 20 जनवरी से नौहझील क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेसवे के समीप चल रहे किसान आंदोलन को समाप्त करा दिया है । जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल व एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने किसान नेताओं से बातचीत की ।
बातचीत के बाद डीएम एसएसपी(dm ssp) ने किसानों को स्थानीय समस्याओं के निस्तारण का भरोसा दिया तो वही किसान नेताओं ने हालात और प्रशासनिक मंसूबो को देख धरना समाप्ति की घोषणा कर दी ।
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इंटर कॉलेज में किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन
दरअसल केंद्र सरकार के कृषि कानून बिल व स्थानीय समस्याओं के विरोध में बाजना के मोरकी इंटर कॉलेज में किसानों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा था । 26 जनवरी को किसान सख्ती के बाद भी एक्सप्रेसवे पर चढ़ गए थे और ट्रेक्टर मार्च निकाला था । किसानों के ट्रेक्टर मार्च को देख एक्सप्रेसवे पर करीब 2 घंटे यातायात बंद करना पड़ा था ।
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किसानों के बार बार यमुना एक्सप्रेसवे पर चढ़ने की धमकी व गणतंत्र दिवस पर हुए हंगामे के बाद गुरुवार को डीएम एसएसपी मोरकी इंटर कॉलेज के धरना स्थल पर पहुँचे ओर किसानों से धरना समाप्त करने का अनुरोध किया ।
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किसान नेताओं ने धरना स्थगित कर दिया
डीएम एसएसपी के समस्याओं के निस्तारण के आश्वासन पर किसान नेताओं ने धरना स्थगित कर दिया । किसान नेता रामबाबू कटारिया के नेतृत्व में 20 जनवरी से आसपास के क्षेत्रों से किसान धरने पर बैठे थे वह घोषणा होने के साथ ही उठ लिए ।साथ ही जिलाधिकारी नवनीत चहल व एसएसपी गौरव ग्रोबर द्वारा भी किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा । किसान नेताओं के साथ-साथ वार्ता में आगरा के पूर्व सांसद चौधरी बाबूलाल भी मौजूद थे ।
रिपोर्ट नीतिन गौतम - मथुरा