जानिए, खेतों से महिलाओं को क्यों जबरन खींच रही मथुरा पुलिस
पुलिस जांच में पता चला कि इन तस्वीरों के पीछे पुलिस की मुस्तेदी है, जिससे कई जिंदगियां बच पाई।
मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा के थाना कोसीकला के गांव शेरनगर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिस की हकीकत को दरकिनार करते हुए उसकी कार्यशैली व पुलिस की दबंगई को दिखाया गया है। लेकिन जांच में हकीकत कुछ और ही निकल कर आया और आखिरकार पुलिस के अधिकारियों को इस मामले में सफाई भी देनी पड़ी। पुलिस जांच में पता चला कि पुलिस की बर्बरता दिखाने वाली इन तस्वीरों के पीछे पुलिस की मुस्तेदी है जिसकी वजह से कई जिंदगियां बच पाई।
दरअसल, कोसीकलां के गांव शेरनगर में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से उगाई गई गेहूं की फसल को सोमवार को कुर्क करने पहुंची पुलिस के सामने 2 युवतियों एवं 3 महिला किसानों ने अपने ऊपर कैरोसिन डालकर फसल काटने का विरोध कर आत्म हत्या का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने सतर्कता दिखाते हुए उन्हें बचा लिया। जिसके बाद पुलिस दो युवतियों सहित पांच महिलाओं को पकड़कर थाने ले आई। एसडीएम छाता हनुमान प्रसाद ने केरोसिन उडेलने की घटना को गलत फहमी बताते हुए जांच के निर्देश दिए हैं।
जानें क्या है पूरा मामला
गांव शेरनगर में तीस एकड़ जमीन पर अवैध कब्जाकर उगाई गई फसल को पुलिस प्रशासन सोमवार की दोपहर को कुर्क करने पहुंची थी। जैसे ही पुलिस टीम मशीन लेकर वहां पहुंची फसल उगाने वाले पक्ष की राधा पत्नी चंद्रपाल ,मुनेश पत्नी हंसराज, ममता पुत्री ओमपाल, मोतनी पत्नी ओमपाल सिंह, कविता पुत्री ओमपाल सिंह वहां पहुंच गई। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। जब पुलिस ने फसल को अवैध बताते हुए न्यायालय से फसल कुर्की के आदेश दिखाकर फसल कटाई के लिए आगे बढ़ी तभी पांच महिलाओं में से दो युवतियों ने खेत के बीच में पहुंचकर अपने उपर केरोसिन उडेल लिया और पुलिस प्रशासन को फसल न काटने की चेतावनी दी।
ऐसे बचाया पुलिस ने महिलाओं को
जिसके बाद पुलिस महिलाओं की ओर दौड़ पडी। पुलिस ने जैसे तैसे दो युवतियों सहित पांच महिलाओं को पकड़ लिया और उन्हें लेकर थाने पहुंच गई। सूचना मिलते ही एसडीएम छाता हनुमान प्रसाद एवं सीओ जितेंद्र कुमार थाना पहुंचे। उन्होंने महिलाओं से पूछताछ की है। जिसमें उन्होंने बताया कि उनके विरोधी शेरपाल, सतयपाल , जयवीर, धर्मवीर, बलदेव, हरकिशन आदि ने फसल काटने का ताना देकर आत्महत्या के लिए उकसाया था।
एसडीएम छाता हनुमान प्रसाद ने बताया कि महिला किसानों को गलत फहमी हो गई थी कि उनके विरोधी फसल को पुलिस की मदद से कटवा रहे हैं। अधिकारी के मुताबिक, महिलाओं ने बताया कि वह लोग प्रशासन की कार्रवाई का विरोध नहीं कर रहे हैं। एसडीएम ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है। उधर एसडीएम व एसपी ग्रामीण ने बताया कि महिलाओं को उनके स्वजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। उन्हें उकसाने वाले लोगों के खिलाफ भी निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी।