Mathura News: वरशिप एक्ट 1991 पर केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करने की अपील, 11 जुलाई को सुनवाई

Mathura News:उच्चतम न्यायालय ने पिछली 5 अप्रैल की तारीख पर कहा था कि यदि केंद्र सरकार कोई जवाब दाखिल नहीं करेगी तो भी सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को अश्विनी उपाध्याय, अनिल त्रिपाठी, दिनेश शर्मा वाली पीआईएल पर सुनवाई करेगी।

Update:2023-07-10 14:57 IST

Mathura News: श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने केंद्र सरकार से अपील की है कि उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की गई थी और उसमें केंद्र सरकार को पार्टी बनाया गया था, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अभी तक कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया है। उच्चतम न्यायालय ने पिछली 5 अप्रैल की तारीख पर कहा था कि यदि केंद्र सरकार कोई जवाब दाखिल नहीं करेगी तो भी सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई को अश्विनी उपाध्याय, अनिल त्रिपाठी, दिनेश शर्मा वाली पीआईएल पर सुनवाई करेगी।

अनिल त्रिपाठी और दिनेश शर्मा ने वरशिप एक्ट 1991 को हटाने के लिए 12 अक्टूबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी। श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि कई बार सुप्रीम कोर्ट में तारीख लग चुकी हैं, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जवाब दाखिल नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि मुगल शासकों ने मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर को कई बार तोड़ा और हिंदुओं ने हिम्मत नहीं हारी, हिंदुओं ने मंदिर को बार-बार बनवाया, अंत में औरंगजेब आया उसने मथुरा कृष्ण जन्मभूमि के विशाल मंदिर को तोड़कर एक बिल्डिंग बनाई जिसको आज कथित ईदगाह कहते हैं।

हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा एक काला कानून वरशिप एक्ट 1991 लाया गया और जहां जहां हिंदू अपने मंदिर की लड़ाई लड़ रहे थे, उस लड़ाई को रोकने के लिए कॉन्ग्रेस सरकार यह कानून लाई। कांग्रेस ने हमेशा हिंदुओं की वोट लेकर हिंदुओं को ठगा है। कांग्रेस सरकार द्वारा बनाया गया यह कानून हिंदुओं के मठ मंदिर पर कब्जे को बरकरार रखता है। इसी कानून की वजह से काशी और मथुरा में हिंदुओं को न्यायालय में न्याय नहीं मिल पा रहा है।

वरशिप एक्ट 1991 पर केंद्र सरकार अपना जवाब दाखिल करे

दिनेश शर्मा ने केंद्र सरकार से अपील की है कि मंगलवार 11 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में वरशिप एक्ट 1991 पर केंद्र सरकार अपना जवाब दाखिल करे, जिससे हिंदुओं को काशी और मथुरा में न्याय मिल सके। दिनेश शर्मा ने बताया कि 11 जुलाई को वह नंगे पैर ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए जाएंगे। हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा ने एक संकल्प किया था कि जब तक मथुरा कृष्ण जन्म भूमि मंदिर से ईदगाह नहीं हटेगी तब तक वह अपने पैरों में जूता-चप्पल नहीं पहनेंगे और देश विदेश में कहीं भी जाएंगे नंगे पैर ही जाएंगे।

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