Akshaya Tritiya: अक्षय तृतीया पर बिहारी जी के होने वाले चंदन चरण दर्शन के लिए उमड़ा जनसैलाब

Akshaya Tritiya: अक्षय तृतीया के अवसर पर प्रभु बांके बिहारी जी अपने भक्तो को साल में एक ही दिन चरण दर्शन देते है और उन्हीं चरण दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ लग गयी है।

Report :  Mathura Bharti
Update: 2024-05-10 09:01 GMT

Akshaya Tritiya in Vrindavan (Photo: Newstrack)

Akshaya Tritiya: आज है अक्षय तृतीया और आज विश्व प्रसिद्ध ठा.बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का जनसैलाब उमड़ा हुआ है। साल में एक ही बार आज ही के दिन बिहारी जी के होने वाले चंदन चरण दर्शन के लिए भक्तगण देश के कोने कोने से पहुंचने लगे हैं और बिहारी जी के चंदन के लेप में सर्वांग होंने वाले दर्शन की एक झलक पाने को लालायित नज़र आ रहे है। आज ब्रज के सभी मंदिरों में कृष्ण कन्हैया को पैरों में सोने की पैजनिया, कानों में लटकनदार कुंडल धारण कराये जाते है।

मान्यता है अक्षय तृतीया के दिन किया गया पुण्य का क्षय नहीं होता इसीलिए आए हुए भक्त बड़ी मात्रा में दान पुण्य करते है और मनोकामना पूर्ण होने की कामना करते हैं और बिहारी जी उनकी झोली भी भरते है। वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध भगवान बाँके बिहारी के मंदिर में यूं तो रोजाना भक्तों का सैलाब उमड़ता है लेकिन आज का दिन बाँके बिहारी के भक्तो के लिए खास है क्योंकि आज अक्षय तृतीया है। अक्षय तृतीया के अवसर पर प्रभु बांके बिहारी जी अपने भक्तो को साल में एक ही दिन चरण दर्शन देते है और उन्हीं चरण दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ लग गयी है। साल में एक बार होने वाले प्रभु बांके बिहारी जी के चरण दर्शनों के लिए भक्त देश के कोने कोने से आये हुए हैं अक्षय तृतीया वाले दिन प्रभु बांके बिहारी जी को सत्तू का भोग लगाया जाता है। प्रभु बांके बिहारी जी इस दिन अपने पांव में पाजेब पहनते है। उनके चरणों में चन्दन के गोले रखे जाते है। साथ ही उनके पुरे शरीर पर चन्दन का लेपन भी किया जाता है।



भगवान कृष्ण के चन्दन दर्शन के बारे में शरणागति आश्रम स्थित श्रीनाथ मंदिर के गोस्वामी रसिया बाबा ने बताया कि आज के दिन ही भगवान कृष्ण का मुंडन हुआ था और आज वह जब गाय चराने गए तो गर्मी के चलते भगवान कृष्ण के शरीर लाल पड़ गया जिसके बाद ललिता सखी ने चंदन लगाया और भगवान कृष्ण को शीतलता मिली तभी से भगवान को अक्षय तृतीया पर चंदन लगाने की परम्परा चली आ रही हे और आज भी भगवान को चंदन लगाया जाता है सत्तू का भोग लगाया जाता है।



बांके बिहारी के दर्शन मात्र से पुण्य

उधर, बिहारी जी के बारे में कहा जाता है की आज से करीब 500 वर्ष पूर्व स्वामी हरिदास जी ने प्रभु बांके बिहारी जी का चन्दन का लैप लगाकर उनका श्रृंगार किया था। तभी से चन्दन की लेपन की परम्परा पूरे विश्व में विख्यात है। मान्यता के अनुसार आज के दिन जो पुण्य बद्रीनाथ के दर्शन करके मिलते हैं। वही पुण्य बांके बिहारी जी के दर्शन से मिलते हैं।



अक्षय तृतीया का पर्व सबसे खास पर्वों में से एक है। इस दिन जहां भगवान परशुराम प्रकट हुए थे। वहीं महाभारत का युद्ध भी आज के दिन समाप्त हुआ था। आज के ही दिन जहाँ भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन किया गया पुण्य कभी क्षय नहीं होता। इसीलिए देश विदेश से भक्त वृन्दावन धाम पहुँचते है और आने वाले भक्तो के लिए मंदिर व पुलिस प्रसाशन ने व्यापक इंतजाम कर रखे है। अक्षय तृतीया पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन ने खास इंतजाम किये हैं। उधर DM SSP लगातार मंदिर परिसर में भ्रमण पर हैं और व्यवस्थाओं को बेहतर करने में जुटे हुए हैं।

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