Mathura News: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से बढ़ा भारत का गौरव, वात्सल्य ग्राम पहुंच बोलीं साध्वी ऋतम्भरा
Mathura News: साध्वी ऋतंभरा के वात्सल्य ग्राम पहुंचने पर शिष्य-शिष्याओं एवं गोकुलम की माताओं ने मुख्य द्वार पर उनका पुष्प मालाएं पहनाकर भव्य स्वागत किया तथा 108 दीपों से आरती उतारी।
Mathura News: 500 सालों के संघर्ष के बाद दिव्य और भव्य राम मंदिर में भगवान राम विराजमान हो गए हैं। देश-विदेश से भक्तों का अयोध्या पहुंचने का सिलसिला जारी है और सनातनी भगवान राम के दर्शन कर अपने को धन्य कर रहे हैं। वहीं राम मंदिर निर्माण के लिए चले आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली साध्वी ऋतंभरा भी अयोधा से वृंदावन वापस लौटीं। इस मौके पर साध्वी ऋतंभरा के वात्सल्य ग्राम पहुंचने पर शिष्य-शिष्याओं एवं गोकुलम की माताओं ने मुख्य द्वार पर उनका पुष्प मालाएं पहनाकर भव्य स्वागत किया तथा 108 दीपों से आरती उतारी।
उल्लास के साथ मनाई खुशियां
भगवान राम के दर्शन कर लौटी साध्वी ऋतंभरा जमकर नाचीं और खुशी मनाई। इस मौके पर भगवा पताकाओं के बीच आतिशबाजी करते हुए ढोल नगाड़ों के साथ नाचते-गाते दीदी माँ को मंगल मानस ले गए। जहाँ उन्होंने सर्व मंगला माता का पूजा अर्चन किया। सभी ने उल्लास के साथ खुशियां मनाई और नृत्य किया। साध्वी ऋतम्भरा ने बताया कि प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा से भारत का खोया गौरव फिर से लौट आया है। अयोध्यापुरी अब पूरे विश्व की सांस्कृतिक राजधानी बनेगी। रामलला के दर्शनों से वर्षों वर्ष का ताप -संताप दूर हो गया है और हृदय की दरिद्रता चली गई है।
उन्होंने कहा कि 500 सालों की प्रतीक्षा के बाद मंदिर बना तो प्राण प्रतिष्ठा भी उसी भव्यता और दिव्यता के साथ हुई है। 11 दिन के उपवास और तप के बाद प्रधानमंत्री ने प्रभु राम की प्राण -प्रतिष्ठा पूजन किया तो ऐसा लगा कि युगों बाद भारत को ऐसे प्रधानमंत्री मिले हैं जिन्होंने बहुसंख्यक सनातनी जगत की जन भावनाओं को समझा और उसका सम्मान किया। उन्होंने कहा कि ऋषियों-मुनियों, शूरवीरों के श्रम और साधना के कारण ही हमको यह दिन देखने को मिला है, बहुत वर्षों का बोझ मेरे हृदय से उतर गया है मेरा वर्षों का आर्तनाद पर्मोल्लास में परिवर्तित हो गया है। इस अवसर पर साध्वी ऋतंभरा ने वात्सल्य ग्रामवासियों को प्राण प्रतिष्ठा की बधाई और मिठाई का वितरण किया।