Mathura: 'कृष्णायण साहित्य महोत्सव' का समापन, सवा सौ कवियों ने कृष्ण भक्ति में डूबी रचनाएं सुनाई
Mathura News: दो दिवसीय साहित्योदय के समापन अवसर पर दीदी मां ने कहा, 'वात्सल्य ग्राम के पवित्र और वात्सल्यपूर्ण वातावरण में देश भर के विशिष्ट कवियों का आना इस प्रांगण के लिए भी मूल्यवान है'।
Mathura News: मथुरा के वात्सल्य ग्राम स्थित मीरा माधव निलयम के विशाल प्रेक्षागृह में शनिवार (02 दिसंबर) को 'कृष्णायण साहित्य महोत्सव' का समापन हो गया। दो दिवसीय साहित्योदय के समापन अवसर पर दीदी मां ने कहा, 'वात्सल्य ग्राम के पवित्र और वात्सल्यपूर्ण वातावरण में देश भर के विशिष्ट कवियों का आना इस प्रांगण के लिए भी मूल्यवान है।
उन्होंने वात्सल्य ग्राम की परिकल्पना और यहां चल रहे प्रकल्पों की जानकारी देश भर के रचनाकारों से साझा करते हुए कहा कि, 'वात्सल्य ग्राम जनकपुर की तरह है। जहां ये सभी बच्चियां सीता बनकर आती हैं और शेष भारत अयोध्या है। जहां से राम आते हैं। इन बच्चियों को वरन कर ले जाते हैं।
सवा सौ कवियों ने कृष्ण भक्ति में डूबी रचनाएं सुनाई
इस अवसर पर साहित्योदय के संरक्षक डॉक्टर बुद्धिनाथ मिश्रा ने बताया कि, 'पूरे देश के कवि और रचनाकार दो दिनों तक कृष्ण भक्ति के और कृष्ण के जीवन के विभिन्न आयामों को बहुत अच्छे ढंग से प्रस्तुत करने में सफल रहे। ये आयोजन मील का पत्थर साबित हुआ है। आठ सत्रों में बंटे काव्य पाठ का निरंतर दो दिनों तक आयोजन चलता रहा। जिसमें देश भर से आए हुए लगभग सवा सौ कवियों ने श्री कृष्ण, राधा और कृष्ण भक्ति के साथ कृष्ण के जीवन के विभिन्न आयामों पर अपनी विशिष्ट रचनाएं प्रस्तुत की। इन रचनाओं की यह विशेषता रही कि यह सनातन परंपरा के साथ साहित्य की जो निर्मल धारा है और जो मूल्यवान परंपरा है उसका निर्वाह कर की गई हैं।
जैन कविताएं ग्रंथ के रूप में प्रकाशन की योजना
साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम जी को सभी ने विशिष्ट जनों को साधुवाद दिया। उन्होंने भारतीय वाङ्मय के विशिष्ट चरित्र प्रभु श्री राम और उसके बाद इस समय श्री कृष्ण को आधार बनाकर जैन कविताएं ग्रंथ के रूप में प्रकाशित करने की योजना बनाई है।
अब साहित्य उदय की योजना
इस अवसर पर पंकज पीएम जी ने जानकारी दी, कि आगे साहित्य उदय की योजना है। वह भगवान शिव पर ऐसे ही विशिष्ट ग्रंथ की रचना करेंगे जिसमें पूरे देश और विदेश के हिंदी के साहित्यकार भाग लेंगे। यह रचना इस बार गड्ढे के साथ-साथ पद में भी होगी। उसका स्वरूप शीघ्र ही लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। साहित्य उदय के इन कलाकारों की तीन दिन के इस महोत्सव में कल तीसरे दिन वृंदावन धाम के दर्शन की विशिष्ट योजना है।