Mathura News: राम मंदिर पर साध्वी ऋतंभरा ने बोली ये बात, कहा- अब कृष्ण जन्मभूमि की बारी

Mathura News: साध्वी ऋतंभरा ने खुशी व्यक्त की और कहा वह समय भी नजदीक आ गया है जब भगवान राम के दर्शन विशाल भव्य व दिव्य मंदिर में उनके भक्तो को होंगे।

Report :  Mathura Bharti
Update: 2023-09-29 16:27 GMT

Sadhvi Ritambhara (photo: Newstrack)

Mathura News: भगवान राम का अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट मंदिर में हो रहे निर्माण कार्य की तस्वीर राम भक्तों के लिए रोजाना साझा कर रही है। भगवान राम के भव्य और दिव्य बन रहे मंदिर के उद्घाटन की तिथि नजदीक आने पर राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाली साध्वी ऋतंभरा ने खुशी व्यक्त की और कहा वह समय भी नजदीक आ गया है जब भगवान राम के दर्शन विशाल भव्य व दिव्य मंदिर में उनके भक्तो को होंगे।

उन्होंने कहा कि अभी पूरे विश्व के राम भक्तों का आह्वान न करके थोड़ी संख्या में लोगों से आने का आह्वान किया जायेगा। उसकी पूरी रूपरेखा अभी सामने आएगी वैसे संभावित है 22 से 24 जनवरी के बीच में रामलला को मंदिर में विराजमान करेंगे। कहा कि हमारे तीन मंदिरों के साथ हमारी आस्था जुड़ी है। प्रारंभ से ही संतों ने कह दिया था अयोध्या में श्री राम काशी में बाबा विश्वनाथ और मथुरा में हमारे आराध्य हमारे कन्हैया। एक हमारी मति , एक हमारी गति हैं और एक हमारी स्थिति हैं और इन तीनो स्थानों मंदिरो की मुक्ति का प्रावधान संतो ने पहले ही निश्चित कर दिया था ।

500  साल की संघर्ष यात्रा

मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि वह लोग भी सब कुछ जानते हैं। जानते थे कि वो क्यों कहा रहे थे, लेकिन यह हम सब के लिए गौरव का विषय है कि 500 साल के संघर्ष यात्रा के बाद हमने यह समय पाया है कि हमारे आराध्य भव्य मंदिर में विराजे जाएंगे।

उन्होंने कहा कि भगवान का मंदिर बन रहा है यह हमारे लिए बड़ी गौरव की बात है। हमारी पीढ़ी यह सारा दृश्य अपनी आंखों से देखने का सौभाग्य अर्जित कर रही है। यह बहुत प्रसन्नता की बात है पूरे विश्व के सनातनियों को बहुत-बहुत बधाई है क्योंकि राम लाल अयोध्या में भव्यता के साथ मंदिर में विराजमान होंगे।

लोगों ने लिया था संकल्प

उन्होंने इस मौके पर उन बलिदानीयो एवं राम मंदिर निर्माण के संकल्प के लिए प्राण देने वाले उन लोगों को याद किया, जिन्होंने राम मंदिर बन जाने पर ही प्रण को वापस लेने का संकल्प किया था। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में ऐसे भी लोग रहे जिन्होंने इस संकल्प की पूर्ति के लिए जूते नहीं पहने, पगड़ी नहीं पहने लोगों ने अन्न का त्याग किया। कई लोग कई स्त्रियों ने बाल खोल कर रखने का संकल्प इस संकल्प के साथ लिया कि हमारा संकल्प जब पूरा होगा तब हम त्यागे हुए प्रण को वापस लेंगे।

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