Supreme Court: श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद, सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमिटी की याचिका को किया खारिज
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमिटी की याचिका खारिज को खारिज कर दिया है। मस्जिद कमिटी ने विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने के हाई कोर्ट के फैसले का विरोध किया था।
Supreme Court: मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmbhoomi Temple) विवाद में आज यानि मंगलवार को मस्जिद कमिटी को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मस्जिद कमिटी की याचिका को खारिज कर दिया है। मस्जिद कमिटी ने विवाद से जुड़े 15 मुकदमों को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने के हाई कोर्ट के फैसले का विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह विषय हाई कोर्ट में ही रखें।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्या दिया था आदेश
मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmbhoomi Temple) व शाही ईदगाह मस्जिद (Shahi Idgah Masjid) विवाद को लेकर मस्जिद कमेटी द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई बंद कर दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने की छूट दी है। बता दें कि मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें हाई कोर्ट ने इस विवाद से जुड़े सभी 15 मामलों को जोड़कर साथ में सुनवाई का आदेश दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट का कहना था कि ये सभी मुकदमे एक ही तरह के हैं, जिनमें एक ही तरह के सबूतों के आधार पर फैसला होना है। लिहाजा कोर्ट का समय बचाने के लिए ये बेहतर होगा कि इन मुकदमों पर एक साथ सुनवाई हो। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां से उसे झटका लगा है।
बता दें कि मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि (Shri Krishna Janmbhoomi Temple) विवाद मामले में हिन्दू पक्ष सभी याचिकाओं पर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग कर रहा है। इसमें विवादित जमीन के मालिकाना हक से जुड़ा मामला शामिल है। लेकिन, मुस्लिम पक्ष याचिकाओं को उनकी अहमियत के आधार पर तुरंत निपटारा चाहता है। दरअसल, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मस्जिद विवाद की तरह ऐसा कोई फैसला न दिया जाए, जिससे कि हिन्दू पक्ष के दावे को अलग से कोई मजबूती मिले। लेकिन कोर्ट ने सभी मुकदमों की एक साथ सुनवाई कर निपटारे का संकेत दिया है। अभी सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल अधिनियम को लेकर सुनवाई लंबित है।