Mathura News: अयोध्या, काशी और मथुरा को लेकर विधानसभा में दिए गए सीएम योगी के बयान पर संतों ने दी प्रतिक्रिया, जानें किसने क्या कहा
Mathura News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा विधानसभा में अयोध्या, काशी और मथुरा को लेकर दिए गए बयान के बाद मथुरा के साधु संतों में खुशी की लहर है।
Mathura News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा विधानसभा में अयोध्या, काशी और मथुरा को लेकर दिए गए बयान के बाद मथुरा के साधु संतों में खुशी की लहर है। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के बयान को आगे बढ़ाते हुए कहा है कि "मुख्यमंत्री सहज-सरल स्वभाव संत प्रवृत्ति के हैं इसलिए उन्होंने सिर्फ इन तीन जगह की बात कही है, हिंदू समाज और सनातनी तो पूरे देश में जहां-जहां मस्जिद है और जहां पर आक्रांताओं ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिद जो बनाई है उन सब की मांग करता है।
हिंदुस्तान में एक भी मस्जिद नहीं होनी चाहिए थी- नागेंद्र महाराज
काशी विद्वत परिषद पश्चिम भारत के प्रभारी नागेंद्र महाराज ने कहा कि "जिस तरीके से मुस्लिम आक्रांताओं ने अपने शासनकाल में मंदिरों को निशाना बनाते हुए मस्जिद का निर्माण कराया था । उसी तरह हिंदुस्तान के बंटवारे के साथ ही हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाना चाहिए था और एक भी मस्जिद इस हिंदुस्तान में नहीं होनी चाहिए थी।"
उधर शाही ईदगाह मस्जिद के सचिव तनवीर अहमद ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि माननीय हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस विचाराधीन है दोनों पक्ष अपने-अपने सबूत न्यायालय के सामने रख रहे हैं। माननीय योगी जी पूरे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री है और उन्होंने संविधान की शपथ ली है कि सभी वर्ग के लोगों के हितों की रक्षा रखने का दायित्व भी उन्हीं का है।
वर्शिप एक्ट
1991 में वर्शिप एक्ट कानून बनाया गया था और इसमें स्पष्ट प्रावधान था कि बाबरी मस्जिद के अलावा किसी भी धर्म स्थल को (15 अगस्त 1947 से पहले) बदला नहीं जायेगा। हम तो जो कानून चल रहा है उस कानून को मानते हैं और संविधान को भी मानते हैं परंतु इन धर्म स्थलों को बदलने का कोई प्रावधान नहीं है।
मथुरा में तो एक ऐतिहासिक मिशाल है एक तरफ शाही ईद का मस्जिद है और एक तरफ श्री कृष्ण जन्मभूमि दोनों तरफ पूजा अर्चना जारी है हर दिन लाखों लोग वहां आते हैं। अजान की आवाज और भजन कीर्तन की आवाज ईश्वर और अल्लाह के पास जाती है वायुमंडल में जाती है। भाईचारा की इससे बड़ी मिसाल पूरे हिंदुस्तान में कहीं हो नहीं सकती।
उधर गीता मनीषी ब्रज के प्रमुख संत ज्ञान आनंद महाराज ने कहा कि "अगर मुस्लिम पक्ष सामाजिक सौहार्द की बात करता है तो उनको यह मान लेना चाहिए कि अयोध्या और काशी में जिस तरीके से साक्ष्य के आधार पर हिंदू पक्ष में फैसला आया है उसी प्रकार श्री कृष्ण जन्म भूमि भी उनके आराध्य का जन्म स्थान है और वहां पर मस्जिद का कोई स्थान नहीं है, लिहाजा सांप्रदायिक सौहार्द एकता की बात को ध्यान में रखते हुए उनको मस्जिद कहीं और बना लेना चाहिए।