Premanand Ji Maharaj: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की प्रेमानंद महाराज से मुलाकात, राष्ट्र के उत्थान पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा

Premanand Ji Maharaj: नई दिल्ली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत मैं वृंदावन में आध्यात्मिक गुरु और संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात करके उनका आशीर्वाद लिया। दोनों की इस मुलाकात का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-11-29 10:25 GMT

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने की प्रेमानंद महाराज से मुलाकात, राष्ट्र के उत्थान पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा: Photo- Social Media

Premanand Ji Maharaj: नई दिल्ली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत मैं वृंदावन में आध्यात्मिक गुरु और संत प्रेमानंद महाराज से मुलाकात करके उनका आशीर्वाद लिया। दोनों की इस मुलाकात का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। मुलाकात की शुरुआत में मोहन भागवत ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि मुझे बस आपके दर्शन करने थे। वीडियो में आपकी बात सुनी तो लगा कि मुझे आपसे मुलाकात करनी चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि चाह गई, चिंता मिटी,मनवा बेपरवाह। आप जैसे लोग बहुत कम देखने को मिलते हैं।

संघ प्रमुख के मुलाकात के लिए पहुंचने पर आश्रम के आचार्य ने प्रेमानंद महाराज से उनका परिचय कराया। संघ प्रमुख ने पीला दुपट्टा ओढ़ाने के बाद माला पहनाकर प्रेमानंद महाराज का सम्मान किया। इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने संघ प्रमुख को आध्यात्मिक ज्ञान देने के साथ ही राजनीतिक दीक्षा भी दी।

बौद्धिक स्तर सुधारने पर दिया जोर

संघ प्रमुख से चर्चा के दौरान प्रेमानंद महाराज ने कहा कि हम सभी को भगवान ने केवल सेवा के लिए जन्म दिया है। व्यवहार की और आध्यात्म की सेवा,ये दोनों सेवाएं अनिवार्य हैं। महाराज ने कहा कि यदि हम अपने देश के लोगों को खुश करना चाहते हैं तो यह काम सिर्फ वस्तु और सेवा से नहीं किया जा सकता। हमें देश के लोगों का बौद्धिक स्तर सुधारने का भी प्रयास करना होगा।

आध्यात्मिक संत ने कहा कि यह काफी चिंता की बात है कि आज हमारे देश में लोगों का बौद्धिक स्तर लगातार नीचे गिरता चला जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम लोगों को सुविधा और भोग सामग्रियां तो दे देंगे मगर सबसे जरूरी चीज उनके हृदय की मलिनता, हिंसात्मक प्रवृत्ति और अपवित्र बुद्धि को नष्ट करना है। जब तक इन चीजों को दुरुस्त नहीं किया जाएगा तब तक बदलाव की उम्मीद करना बेकार है।


नई पीढ़ी राष्ट्र की रक्षा करने वाली

प्रेमानंद महाराज ने संघ प्रमुख से कहा कि हमारी नई पीढ़ी राष्ट्र की रक्षा करने वाली है। अभी जो विद्यार्थी हैं, उन्हीं में कोई एमएलए बनता है तो कोई एमपी बनता है। कोई मुख्यमंत्री बनता है तो कोई राष्ट्रपति अथवा प्रधानमंत्री बनता है। यह ठीक नहीं है कि हमारी शिक्षा सिर्फ आधुनिकता का स्वरूप लेती जाए। नई पीढ़ी में व्यभिचार, व्यसन और हिंसात्मक प्रवृत्ति चिंता पैदा करने वाली है। इन तीन चीजों को देखकर बहुत असंतोष होता है। इसलिए इन्हें दूर करना जरूरी है।

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जीवन का लक्ष्य जानना जरूरी

प्रेमानंद महाराज ने कहा कि यह जानना जरूरी है कि हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है? हमें जितना भगवान राम, भगवान कृष्ण प्रिय हैं,उतना ही भारत देश भी प्रिय है। जिस तरीके से राम भक्त और कृष्ण भक्त हैं,उसी तरीके से भारत का हर भक्त वंदनीय है। देश की मौजूदा मानसिकता हमारे धर्म और देश के लिए लाभदायक नहीं है।

इस मौके पर संघ प्रमुख ने कहा कि मैं आप लोगों से जो सुनता हूं, वही बोलता हूं और वही करता हूं। हम हमेशा प्रयास करेंगे और उम्मीद है कि निराशा नहीं मिलेगी।

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