अजान रोकने की चिट्ठी पर सियासी घमासान, विवाद में मुस्लिम धर्मगुरु भी कूदे

कुलपति की ओर से डीएम को यह चिट्ठी 3 मार्च को लिखी गई थी मगर अब जाकर इसका खुलासा हुआ है। अब इसे लेकर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच जंग शुरू हो गई है। मुस्लिम धर्मगुरु की इस जंग में कूद पड़े हैं।

Update: 2021-03-17 07:37 GMT
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति द्वारा सुबह लाउडस्पीकर से अजान पर उठाए सवालों पर अब राजनीतिक बवाल छिड़ गया है।

लखनऊ: अजान से नींद में खलल के मुद्दे पर सियासी घमासान मच गया है। इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की ओर से इस बाबत डीएम को चिट्ठी लिखे जाने के बाद इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कुलपति ने डीएम को चिट्ठी लिखकर कहा है कि रोज अजान के कारण उनकी नींद में खलल पड़ता है। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इस बाबत कार्रवाई करने की मांग की है।

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हालांकि कुलपति की ओर से डीएम को यह चिट्ठी 3 मार्च को लिखी गई थी मगर अब जाकर इसका खुलासा हुआ है। अब इसे लेकर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच जंग शुरू हो गई है। मुस्लिम धर्मगुरु की इस जंग में कूद पड़े हैं।

सपा ने बोला भाजपा पर बड़ा हमला

समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा जाति और धर्म की ही सियासत में जुटी रहती है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद सिर्फ इसी पर जोर दिया जा रहा है। बेरोजगारों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है मगर रोजगार बढ़ाने पर सरकार का तनिक भी ध्यान नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी शिक्षा संस्थान को इस तरह के धार्मिक विवाद में नहीं पड़ना चाहिए।

भाजपा ने किया कुलपति का बचाव

दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी भी इस विवाद में कूद पड़ी है। भाजपा प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने इस मुद्दे पर इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की वीसी का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि बेशक नमाज मुस्लिम समाज का हक है, लेकिन इस बाबत कोर्ट पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि लाउडस्पीकर लगाना निजता का हनन है। उन्होंने कहा कि नमाज और अजान के दौरान लाउडस्पीकर का उपयोग करना संवैधानिक दृष्टि से उचित नहीं है।

court (PC: social media)

मुस्लिम धर्मगुरु बोले-ऐसे में तो आरती भी गलत

कुलपति के पत्र के बाद अब मुस्लिम समाज से भी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। मुस्लिम धर्मगुरु सैफ अब्बास का कहना है कि अजान सिर्फ दो-तीन मिनट के लिए ही की जाती है। इसमें ज्यादा से ज्यादा 5 मिनट का ही समय लगता है। ऐसे में तो सुबह होने वाली आरती भी गलत है।

वीसी से चिट्ठी वापस लेने की गुजारिश

शिया धर्मगुरु सैफ अब्बास ने कहा कि अगर शिकायत में आरती और कीर्तन का भी जिक्र किया गया होता तो मसला समझा जा सकता था, लेकिन सिर्फ अजान को लेकर शिकायती पत्र देना किसी भी नजरिए से उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी विश्वविद्यालय में उच्च पद पर पर बैठे व्यक्ति का इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है। मेरी उनसे गुजारिश है कि उन्हें अपनी शिकायत पर तत्काल वापस ले लेनी चाहिए।

सुन्नी धर्मगुरु ने भी उठाया आरती का मुद्दा

सुन्नी धर्मगुरु मौलाना सूफियाना निजामी ने भी इस मुद्दा जोरशोर से उठाया है। उनका कहना है कि मस्जिदों में अजान होती है तो मंदिरों में भी आरती होती है। उन्होंने कहा कि कुलपति जिस शहर से जुड़ी हुई हैं वहां बड़े कुंभ का आयोजन किया जाता है। पूरे महीने लाउडस्पीकर की आवाज आती है। कुंभ मेले के कारण तमाम सड़कें बंद कर दी जाती है लेकिन कभी किसी मुस्लिम ने इस मुद्दे को लेकर कोई चिट्ठी नहीं लिखी।

उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा और होली के मौके पर भी लाउडस्पीकर बजते हैं और सड़कें बंद की जाती हैं। इसे लेकर भी कभी किसी मुसलमान ने कोई आपत्ति नहीं की उन्होंने कुलपति के पत्र को सोची समझी साजिश का हिस्सा बताया।

वीसी ने दिया हाईकोर्ट के आदेश का हवाला

इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने डीएम को लिखी चिट्ठी में कहा है कि रोज सुबह अजान होने से उनकी नींद में खलल पड़ता है। अजान के कारण उनकी नींद खुल जाती है और इसके बाद तमाम कोशिशों के बावजूद नींद नहीं आती और दिन भर सिरदर्द बना रहता है।

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उन्होंने अजान के कारण दिनचर्या और कामकाज प्रभावित होने का भी जिक्र किया है। उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए डीएम से त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा की है।

रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी

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