कर्मचारियों ने मोमबत्तियां जलाकर सरकार के इस फैसले का किया विरोध

केंद्र व यूपी सरकार द्वारा डीए व अन्य भत्तों में कटौती किए जाने के विरोध में इप्सेक, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद समेत कई कर्मचारी व शिक्षक संगठनों ने शुक्रवार दोपहर मोमबत्ती जलाकर प्रतीकात्मक विरोध प्रकट किया।

Update:2020-05-01 15:45 IST

लखनऊ: केंद्र व यूपी सरकार द्वारा डीए व अन्य भत्तों में कटौती किए जाने के विरोध में इप्सेक, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद समेत कई कर्मचारी व शिक्षक संगठनों ने शुक्रवार दोपहर मोमबत्ती जलाकर प्रतीकात्मक विरोध प्रकट किया।

कर्मचारी संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भत्तों की कटौती पर पुनर्विचार करनेकी मांग की है। यूपी की राजधानी लखनऊ में वन विभाग मुख्यालय, नगर निगम मुख्यालय, किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय,बलरामपुर अस्पताल, लोहिया अस्पताल समेत सभी चिकित्सालयों तथा अन्य राज्य सरकार केकार्यालयों में दोपहर 12 बजे मोमबत्ती जला कर भत्तों की कटौती पर विरोध जताया गया।

इसके साथ ही शुक्रवार शाम को सात बजे कर्मचारी व शिक्षक अपने घरों पर मोमबत्तीया दीपक जलाकर केंद्र व प्रदेश सरकार के भत्ता कटौती आदेश का विरोध करेंगे।

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इप्सेक केराष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने बताया कि यूपी, दिल्ली, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, बिहार,राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, महाराष्ट्र तमिलनाडुतथा केरला समेत कई राज्यों में भत्तों में कटौती का व्यापक विरोध किया गया।

इन राज्यों के सभी जिलों में कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों ने कार्यालय मेंतथा लाकडाउन के कारण घरों में मौजूद कर्मचारियों ने घरों में ही मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रकट किया।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र. के महामंत्री अतुल मिश्र ने बताया कि यूपी में केजीएमयू कर्मचारी परिषद, यूपी एक्सरे टेक्नीशियन एसोसिएशन, नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन, उप्र.माध्यमिक शिक्षक संघ, इलेक्ट्रीशियन कम जनरेटर आपरेटर संघ, उप्र. गन्ना पर्यवेक्षक संघ, राजकीय नर्सेस संघ उप्र., स्थानीय निकाय कर्मचारी समेत कई अन्य कर्मचारी संगठनों के कर्मचारियों ने सभी जिलों में अपने कार्यस्थलों या घरों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए, मास्क लगा कर मोमबत्ती जला कर प्रतीकात्मक विरोधकिया।

उन्होंने बताया कि आज शाम को सात बजे सभी कर्मचारी अपने घरों में दीपकया मोमबत्ती जलाकर प्रतीकात्मक विरोध भी करेंगे। अतुल मिश्रा ने कहा कि देश और प्रदेश का हर कर्मचारी आपदा के समय सरकार के साथ खड़ा है।

ज्यादातर केंद्रीय व राज्य सरकार के कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन प्रधानमंत्रीराहत कोष या मुख्यमंत्री राहत कोष में स्वेच्छा से दान भी किया है लेकिनभारत सरकार द्वारा महंगाई भत्ते की तीन किस्ते रोके जाने से कर्मचारियों का बहुत बड़ा नुकसान होने जा रहा है। सरकार ने उक्त धन का एरियर भी देने से मना किया है।

इसलिए कर्मचारियों का लाखों रुपए से ज्यादा नुकसान होगा। अगर सरकार चाहे तो उसकेपास धन अर्जन के अनेक साधन उपलब्ध है आवश्यकता पड़ने पर कर्मचारी स्वेच्छा से औरभी दान कर सकता है लेकिन महंगाई भत्ता फ्रीज किया जाना नितांत अलोकतांत्रिक कदम प्रतीत होता है।

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