मायावती का बड़ा एलान: इस मामले पर सीएम को बर्खास्त करने की मांग
बसपा सुप्रीमों यहीं नहीं रूकी उन्होंने एक और ट्वीट करके कहा कि ऐसे में कांग्रेस का लगभग 100 माओं की कोख उजड़ जाने पर केवल अपनी नाराजगी जताने से काम नहीं चलेगा बल्कि इनको तुरन्त बर्खास्त करके वहां अपने सही व्यक्ति को सत्ता में बैठाना चाहिएं।
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कोटा में हुई 100 से ज्यादा बच्चों की मौत पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बर्खास्त करने की मांग की हैं।
बसपा सुप्रीमों मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट करके कहा है कि राजस्थान की कांग्रेसी सरकार के सीएम अशोक गहलोत का कोटा में लगभग 100 मासूम बच्चों की हुई मौत पर अपनी कमियों को छिपाने के लिए आये दिन चोरी व ऊपर से सीनाजोरी वाले अर्थात गैर-जिम्मेवारान व असंवेदनशील तथा अब राजनैतिक बयानबाजी करना यह अति शर्मनाक व निन्दनीय।
तुरन्त बर्खास्त करके वहां अपने सही व्यक्ति को सत्ता में बैठाना चाहिएं
बसपा सुप्रीमों यहीं नहीं रूकी उन्होंने एक और ट्वीट करके कहा कि ऐसे में कांग्रेस का लगभग 100 माओं की कोख उजड़ जाने पर केवल अपनी नाराजगी जताने से काम नहीं चलेगा बल्कि इनको तुरन्त बर्खास्त करके वहां अपने सही व्यक्ति को सत्ता में बैठाना चाहिएं। तो यह बेहतर होगा। वरना वहां और भी माओं की कोख उजड़ सकती हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा में हुई इस घटना पर मायावती लगातार हमलावर है। बीते गुरूवार को उन्होंने इसी घटना को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर हमला बोला था। कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माताओं का गोद उजड़ना अति-दुखद और दर्दनाक है। इसके बाद भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं और उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील और गैरजिम्मेदार बने हुए हैं।
यह अति निंदनीय है लेकिन उससे भी ज्यादा अति-दुखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीष नेतृत्व और खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह यूपी की तरह उन गरीब पीड़ित माओं से भी जाकर मिलतीं, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही के कारण उजड़ गई हैं।
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मायावती ने लिखा था कि यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की मांओं से नहीं मिलती हैं तो यहां अभी तक किसी भी मामले में यूपी पीड़ितों के परिवार से मिलना केवल राजनीतिक स्वार्थ और कोरी नाटकबाजी ही मानी जाएगी। उत्तर प्रदेश की जनता को इससे सतर्क रहना है।