Meerut: लोकसभा 2024 के मद्देनजर योगी सरकार-2 में जाट मंत्रियों को खास तवज्जो
Meerut: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के विभाग बंटवारे में पश्चिमी यूपी के मंत्रियों को खासकर जाट मंत्रियों को तवज्जो दी गई है।
सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)
Meerut: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल के विभाग बंटवारे में पश्चिमी यूपी के मंत्रियों को खासकर जाट मंत्रियों को तवज्जो दी गई है। दरअसल,पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन और जाट मुस्लिम गठजोड़ भले ही भाजपा को ज्यादा नुकसान न पहुंचा पाया हो,लेकिन भाजपा के हाई कमान को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर जाट वोटरों की अनदेखी की गई तो आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी मुश्किल में पड़ सकती है।
यही वजह है कि जाट मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी दी गई है। यही नही विभागों के बंटवारे में किसान आंदोलन के असर वाले सहारनपुर, मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर का विशेष ध्यान रखा गया है। कामकाज के बंटवारे में मथुरा जिले से बड़े जाट नेता के तौर पर उभरे लक्ष्मी नारायण चौधरी को इस बार प्रदेश का गन्ना मंत्री बनाया गया है।
बागपत जिले के बड़ौत से पहली बार विधायक बने केपी मलिक को वन एवं पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया गया है। इसी कड़ी में जाट बिरादरी में मजबूत पकड़ रखने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी को फिर से योगी आदित्यनाथ की सरकार में उनका पुराना विभाग पंचायती राज विभाग और बलदेव सिंह औलख को कृषि एंव कृषि शिक्षा विभाग दिया गया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि जाट वोटरों को फिर से अपनी तरफ खींचने के लिए जिस तरह से विभाग दिए गये हैं,उसका असर कितना होगा यह 2024 लोकसभा चुनाव में दिखेगा,लेकिन पार्टी ने नाराज जाट वोटरों को साधने की एक फिर कोशिश जरुर की है।
बता दें इस बार के चुनाव में बीजेपी को पश्चिम उत्तर प्रदेश में करीब 17 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा था। इस बर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 136 सीटों में भाजपा 93 सीट जीत सकी, जबकि 2017 में भाजपा ने 110 सीटें जीती थीं। वहीं सपा ने पिछली बार2017 में 20 सीटें जीती थीं, इस बार सपा गठबंधन ने 43 सीट पर कब्जा जमा लिया था।