Meerut news: मेरठ लिटरेरी फेस्टिवल के छठे संस्करण का भव्य आगाज़, साहित्यिक विभूतियों ने की शिरक़त
Meerut news: विशिष्ट अतिथि के रूप में आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री, श्रीगोपाल नारसन, श्री मति जय वर्मा ब्रिटेन, हयग्रीव आचार्य नेपाल और रूस से श्वेता सिंह ऊमा रही।
Meerut news: क्रांतिधरा साहित्य अकादमी द्वारा चौधरी चरणसिंह विश्वविमद्यालय के हिन्दी विभाग के सहयोग से बृहस्पति भवन में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मेरठ लिटरेरी फेस्टिवल के छठे संस्करण उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जापान की वरिष्ठ हिन्दी सेवी डा. रमा पूर्णिमा शर्मा रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री, श्रीगोपाल नारसन, श्री मति जय वर्मा ब्रिटेन, हयग्रीव आचार्य नेपाल और रूस से श्वेता सिंह ऊमा रही।
कार्यक्रम के अध्यक्ष चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. नवीन चंद्र लोहनी ने कहा कि हिन्दी को रोजगार की भाषा बनाने पर जोर देना होगा और अपनी आनेवाली पीढी को भी अनिवार्य रूप से हिन्दी से जोडना चाहिए।
तीन दिवसीय आयोजन के प्रथम दिन के दूसरे सत्र में हिन्दी के वैश्विक स्थति विषय पर परिचर्चा हुई जिसका संचालन हिन्दी विभाग की डा. अंजु सिंह ने किया और वक्ता के रूप में डा. विदूषी शर्मा, प्रदीप देवीशरण भट्ट, डा. अशोक मैत्रेय, डा. ईश्वर चंद गंभीर रहे, वरिष्ठ साहित्यकार डा, अशोक मैत्रेय ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण के साथ साथ दीपक का भी काम करता है जो समाज को नई राह दिखाता है।
तृतीय सत्र डिजिटल क्रांति में पुस्तकों से दूरी विषय पर परिचर्चा हुई जिसमें श्रीगोपाल नारसन, आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री, डा. विदूषी शर्मा, डा. सुबोध कुमार गर्ग, मनीष शुक्ला वक्ता के रूप में शामिल रहे।
चतुर्थ सत्र मे अंतरराष्ट्रीय मुशायरा हुआ जिसकी सदारत रियाज सागर ने की, मुशायरे मे अतिथि के रूप में विएना आस्ट्रीया से सुनीता चावला रहीं, वरिष्ठ शायर किशन स्वरूप, अनुराग मिश्र गैर, के.के. भसीन, सुंदर लाल मेहरानीयां, डा. रामगोपाल भारतीय, दिलदार देहलवी, डा. एजाज़ पापूलर मेरठी, अनिमेष शर्मा, मनोज फगवाड़वी, फकरी मेरठी, मुकर्रर अदना, सपना अहसास, डा. अमर पंकज, सुप्रिया सिंह वीणा, देवेंद्र शर्मा देव ने शिरकत की।
प्रथम दिन के समापन पर आयोजक डा. विजय पंडित ने कहा कि संस्थान के द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक महोत्सव व पुस्तक प्रदर्शनी आदि आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना के साथ देश दुनियां में साहित्य, संस्कृति, आध्यात्म, योग के माध्यम से दिलो को दिलो से जोड़ना, एक दूसरे के लेखन व शोध से रूबरू कराना, अनुवाद, प्रकाशन, विचारों के आदान प्रदान, परस्पर सहयोग की भावना, पठन - पाठन व साहित्य के दायरे का विस्तार और नवोदित व गुमनाम कलमकार बन्धुओं को वरिष्ठ साहित्यकारों के सानिध्य में एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करना हैं और मेरठ की सकारात्मक छवि देश दुनिया के सामने लेकर आना है।