Meerut News: मुख्य चिकित्साधिकारी का बड़ा एक्शन, तीन अस्पतालों के पंजीकरण किए निलंबित, एक का निरस्त, मचा हड़कंप

Meerut News: जनपद में संचालित चिकित्सालयों के विरुद्ध लगातार प्राप्त हो रही शिकायतों के चलते सीएमओ द्वारा गठित जांच समिति द्वारा आज रुड़की रोड पर संचालित तीन चिकित्सालयो का भौतिक निरीक्षण किया गया।

Update:2023-09-04 23:31 IST
मुख्य चिकित्साधिकारी का बड़ा एक्शन, तीन अस्पतालों के पंजीकरण किए निलंबित: Photo- Social Media

Meerut News: जनपद में संचालित चिकित्सालयों के विरुद्ध लगातार प्राप्त हो रही शिकायतों के चलते सीएमओ द्वारा गठित जांच समिति द्वारा आज रुड़की रोड पर संचालित तीन चिकित्सालयो का भौतिक निरीक्षण किया गया। जिसमें रुड़की रोड स्थित साक्षी नर्सिग होंम पल्लवपुरम, श्री जी हॉस्पिटल, अपोलो नर्सिग होम में निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों के चलते चिकित्सालयों का पंजीकरण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

ऑनलाइन पंजीकरण करा लें हॉस्पिटल: सीएमओ

हापुड़ रोड पर स्थित एक चिकित्सालय हिन्द हॉस्पिटल का पंजीकरण निरस्त कर चिकित्सालय में मरीजों को भर्ती ना करने एवं भर्ती मरीजों को अन्यत्र पंजीकृत चिकित्सालयों में शिफ्ट करने हेतु निर्देशित किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने कहा कि अगर किसी भी अस्पताल में नियमों का उल्लंघन किया गया तो इसी तरह कार्रवाई की जाएगी। वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी की इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि अगर किसी चिकित्सालय या चिकित्सक ने सीएमओ कार्यालय में पंजीकरण नहीं कराया है तो वह तत्काल ऑनलाइन पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें। बगैर पंजीकरण कार्य करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

आधा दर्जन से अधिक झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ मुकदमा

मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि मेरठ जनपद में झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ जनपद के सभी ब्लाकों एवं शहरी क्षेत्र में अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान अभी जारी रहेगा ताकि जनपद के लोगों को गलत इलाज के चलते किसी प्रकार की परेशानियों का सामना ना करना पड़े। उन्होंने बताया कि पिछले करीब एक सप्ताह के दौरान मेरठ में आधा दर्जन से अधिक झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ मेरठ के विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज करवाये जा चुके हैं। इनमें थाना सरुरपुर में तीन, थाना लिसाड़ी गेट में एक, थाना मवाना में एक, थाना पल्लवपुरम में एक मुकदमा दर्ज कराया गया है। बता दें कि इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने अधूरे मानक और इलाज में लापरवाही की मिल रही शिकायतों के आधार पर 16 से अधिक अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद किया था।

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