Meerut News: ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली महंगी करने पर भाकियू का विरोध, आंदोलन की चेतावनी
Meerut News: यपूपीसीएल की बैठक में पारित बिजली बिल बढ़ाने के प्रस्ताव का भाकियू ने विरोध किया है।
Meerut News: शहर की तरह कुछ गांव में बिजली की आपूर्ति होने पर ग्रामीणों को अब शहरी दर से बिजली का बिल चुकाने का प्रस्ताव पावर कॉरपोरेशन द्वारा पास होने के बाद से इसका विरोध शुरु हो गया है। भारतीय किसान यूनियन ने तो बंड़े आंदोलन की धमकी दे दी है।
आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने आज यहां कहा कि अगर देहात में बिजली पर रेट बढ़ाए गए एवं बिना लोड के मीटर लोड बढ़ाया गए तो एक बड़े आंदोलन की शुरुआत जनपद मेरठ भाकियू ऊर्जा विभाग के विरुद्ध करेगा। भाकियू नेता ने इसके लिए भाकियू कार्यकर्ताओं को तैयार रहने के कहा है। भाकियू नेता ने कहा कि फीडर को खत्म करके उसे शहरी फीडर में तब्दील करने देने का अधिकार देना पूरी तरह से असंवैधानिक है। इससे बिजली उपभोक्ताओं की बिजली दरों में डेढ़ गुना की ज्यादा बढ़ोतरी हो जाएगी। भाकियू इसका हर स्तर पर जोरदार विरोध करते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ेगी।
यूपीपीसीएल के फैसले का किया विरोध
भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के निदेशक मंडल की 14 जून को एक मीटिंग हुई थी। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि प्रदेश के विद्युत वितरण निगम अपने-अपने क्षेत्र के उन क्षेत्रों का चुनाव करें, जहां पर शहरीकरण का असर ज्यादा है। इस दायरे में आने वाले फीडर से जुड़े उपभोक्ताओं के बिजली आपूर्ति के टाइप में बदलाव किया जाएगा। ऐसे में शहरीकरण होने के बाद भी अभी तक ग्रामीण फीडर के आधार पर बिल वसूला जा रहा है, वहां शहरी फीडर किया जाए और कंज्यूमर से शहरी दर पर बिजली बिल वसूला जाए।
24 घंटे बिजली देने का है प्रवाधान
भाकियू नेता ने कहा कि देश में विद्युत उपभोक्ता अधिकार कानून 2020 लागू हो गया है, जिसकी धारा 10 में सभी को 24 घंटे बिजली देने का प्रावधान है। फिर उत्तर प्रदेश में शहरी आपूर्ति और ग्रामीण आपूर्ति के आधार पर पैसे बढ़ाना सही नहीं है। पहले ही विद्युत आयात में सप्लाई के टाइप को बदलकर आपूर्ति बढ़ाकर पूरे राज्य में कज्यूंमर से गलत तरीकों से करोड़ो रुपये वसूले जा रहे हैं।