Meerut: पार्षदों के साथ मारपीट मामलें में बसपा सुप्रीमो का रिएक्शन, दलित समाज को नहीं हो रहा हजम
Meerut News: मायावती ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किया कि यूपी के जिला मेरठ में अभी हाल ही में बीजेपी के मंत्री और विधायक द्वारा सत्ता के अहंकार में अपनी दबंगई दिखाते हुए नगर निगम के दलित पार्षदों के साथ सरेआम मारपीट करना अति-दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण व निन्दनीय है।
Meerut News: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मेरठ नगर निगम बोर्ड बैठक के बाद दलित पार्षदों की कथित पिटाई पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सरकार से दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। पार्षदों की कथित पिटाई के मामले में बीएसपी सुप्रीमो का घटना के तीन दिन बाद इस तरह एक्स पर पोस्ट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करना दलित समाज को हजम नहीं हो पा रहा है। वह भी तब जबकि उन्हीं(मायावती) की पार्टी का एक पार्षद भी पिटने वाले पार्षदों में शामिल था। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो दलित समाज की यह नाराजगी लोकसभा चुनाव में बसपा को भारी पड़ सकती है।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना वाले दिन यानी शनिवार को ही एक्स पर रोष जताया था। वहीं, आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और रालोद अध्यक्ष जयन्त चौधरी ने घटना की केवल निन्दा ही नहीं की थी बल्कि कथित पिटाई का शिकार बने दलित पार्षदों के घर भी पहुंचे थे। मायावती ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किया कि यूपी के जिला मेरठ में अभी हाल ही में बीजेपी के मंत्री और विधायक द्वारा सत्ता के अहंकार में अपनी दबंगई दिखाते हुए नगर निगम के दलित पार्षदों के साथ सरेआम मारपीट करना अति-दुखद, दुर्भाग्यपूर्ण व निन्दनीय है. बीजेपी और राज्य सरकार तुरन्त इसका संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। इससे पहले ना तो खुद मायावती और ना ही उनकी पार्टी के की बड़े जिम्मेदार नेताओं का बयान सामने आया।
बता दें कि 30 दिसंबर को बोर्ड बैठक में गृहकर के मामले को लेकर भाजपा और सपा-बसपा-एआइएमआइएम के पार्षदों के बीच विवाद हो गया था। आरोप है कि बैठक उपरान्त भाजपाईयों द्वारा कथित रुप से सपा पार्षद कुलदीप और बसपा पार्षद आशीष चौधरी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। पीटने का आरोप ऊर्जा राज्य मंत्री डा. सोमेंद्र तोमर और भाजपा एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज पर भी लगा है।
प्रदेश में दलितों की एकमात्र 'मसीहा' कही जाने वाली मायावती की मेरठ की घटना पर देर से की गई प्रतिक्रिया से दलित समाज में नाराजगी देखी जा रही है। बसपा से जुड़े एक वरिष्ठ पार्टी कार्यकर्ता कहते हैं,अपनी ही पार्टी के दलित पार्षद की पिटाई पर मायावती जिस तरह देर से जागी है उससे हम जैसे पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं को गहरा धक्का लगा है। होना तो यह चाहिए था कि मायावती घटना के दिन ना सही अगले दिन सुबह पार्षदों के घर जाकर उनका हाल-चाल जानती और उनके साथ खड़ा होने की बात कह कर उनका(पार्षदों) का हौसला बढ़ाती। बहरहाल, दलितो की मायावती से यह नाराजगी आगे अगर इसी तरह बरकार रहती है तो उसका खामियाजा बसपा को लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है।