Meerut News: कारोबारियों में हड़कम्प, ईडी ने सबसे बड़े कारोबारी के ठिकानों पर की ताबड़तोड़ छापेमारी

Meerut News: ईडी की टीम द्वारा शारदा एक्सपोर्ट के मालिक जितेंद्र गुप्ता के आवास, फैक्ट्री, कोल्ड स्टोर पर मंगलवार सुबह-सुबह छापा मारा गया। मौके पर स्थानीय पुलिस को भी तैनात किया गया है।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-09-17 18:29 IST

शारदा एक्सपोर्ट्स के मालिक जितेंद्र गुप्ता के यहां ईडी टीम ने की छापेमारी: Photo- Newstrack

Meerut News: शहर के नामचीन उद्यमी शारदा एक्सपोर्ट्स के मालिक के यहां ईडी टीम की छापामारी से अन्य बड़े कारोबारियों में भी अफरातफरी का माहौल है। शारदा एक्सपोर्ट से देशभर में कालीन सप्लाई होती है। ईडी की टीम द्वारा शारदा एक्सपोर्ट के मालिक जितेंद्र गुप्ता के आवास, फैक्ट्री, कोल्ड स्टोर पर मंगलवार सुबह-सुबह छापा मारा गया। छापेमारी की कार्रवाई अभी तक जारी है। टीम की कार्रवाई के दौरान किसी को भी अंदर आने और बाहर जाने की अनुमति नहीं है। किसी तरह के विरोध को देखते हुए मौके पर स्थानीय पुलिस को भी तैनात किया गया है।

शारदा एक्सपोर्ट्स के नाम से जितेंद्र गुप्ता का कालीन का बड़ा कारोबार 

सूत्रों के अनुसार शारदा एक्सपोर्ट्स के नाम से जितेंद्र गुप्ता का कालीन का बड़ा कारोबार है। दुनिया के कई देशों में शारदा एक्सपोर्ट्स कालीन सप्लाई करता है। देश, दुनिया में इसका नाम है। सूत्रों की मानें तो कारोबारी के मेरठ ही नहीं बल्कि दूसरे जनपदों और प्रदेश में मौजूद अन्य कार्यालयों पर भी ईडी की टीमों द्वारा छापामार कार्रवाई की गई है। जितेंद्र गुप्ता का रियल इस्टेट का भी बड़ा कारोबार बताया जाता है। नोएडा, हरिद्वार, मेरठ आदि कई जगहों पर उनकी जमीनें हैं।

जितेंद्र गुप्ता के बारे खास बात यह पता लगी है कि जितेन्द्र गुप्ता अपने कारोबार के अलावा सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहते हैं। अपने इन्हीं सामाजिक कार्यो के कारण वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों 2 अक्टूबर 2019 में स्वच्छता ही सेवा सम्मान के लिए लखनऊ में सम्मानित हो चुके है। सूत्रों की मानें तो जितेन्द्र गुप्ता स्वच्छ भारत अभियान समिति के सदस्य हैं। जितेंद्र गुप्ता 2014 में प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान में 9 रत्नों में शामिल थे।

ग्रामीण क्षेत्रों में 4 हजार से ज्यादा शौचालय अपने पैसों से बनवाए

इन्होंने मेरठ में ग्रामीण क्षेत्रों में 4 हजार से ज्यादा शौचालय नि:शुल्क अपने पैसों से बनवाए हैं। भारत सरकार के लिए लगभग एक करोड़ रुपया खर्च कर चुके हैं। साथ ही 20 से ज्यादा आरओ प्लांट गांवों में लगवा चुके हैं। स्वच्छ भारत ग्रामीण सेवा के तहत काफी काम किया है।

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