Meerut News: महिलाओं को कार्यस्थल पर मिले समानता का अधिकार : डॉक्टर अपेक्षा चौधरी

Meerut News: कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. अपेक्षा चौधरी ने विशाखा बनाम राजस्थान राज्य (1997) में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर विस्तार से चर्चा करते हुए न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों की जानकारी दी।

Report :  Sushil Kumar
Update:2024-10-25 21:11 IST

Meerut News (Pic- Newstrack)

Meerut News: महिला अध्ययन केंद्र एवं विधि अध्ययन संस्थान, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के संयुक्त तत्वावधान में मिशन शक्ति फेज-5 के अंतर्गत भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रस्तावित विशाखा दिशा-निर्देश एवं कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए संस्थान के समन्वयक डॉ. विवेक कुमार ने कहा कि समाज में कानून का पालन तभी अच्छे से हो सकता है, जब समाज उसे लागू करने में अपना सहयोग प्रदान करे। क्योंकि कोई भी कानून समाज के सहयोग के बिना सफल नहीं हो सकता।

इसी को ध्यान में रखते हुए विशाखा दिशा-निर्देशों को आपराधिक कानूनों में स्थान दिया गया है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. अपेक्षा चौधरी ने विशाखा बनाम राजस्थान राज्य (1997) में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर विस्तार से चर्चा करते हुए न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। वर्ष 2013 में न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा एवं उषा मेहरा समिति की अनुशंसा पर भारत में कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं निवारण) अधिनियम, 2013 लागू किया गया। जिससे महिलाओं को कार्यस्थल पर समानता एवं सम्मानजनक जीवन का अधिकार मिल सके। इस अधिनियम में सरकारी एवं निजी संस्थानों में महिलाओं के विरुद्ध यौन उत्पीड़न रोकने के लिए आंतरिक पारिवारिक समिति बनाने का प्रावधान किया गया है।

इस समिति की पीठासीन अधिकारी महिला ही होगी। अधिनियम में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित नियमों का प्रकाशन करना अनिवार्य है। कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.ए.एल.एल.बी की छात्रा शगुन चौधरी ने किया। इस अवसर पर डॉ. सुदेशना, डॉ. कुसुमा वती, श्री आशीष कौशिक, डॉ. विकास कुमार, डॉ. सुशील कुमार शर्मा, डॉ. धनपाल, डॉ. महिपाल सिंह, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. शेख अरशद एवं संस्थान के समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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