Meerut News: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने लव जिहाद पर भाजपा पर दोहरी नीति अपनाने का लगाया आरोप
Meerut News: लव जिहाद के मुद्दे पर आज यहां ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद और बीजेपी सांसद के बीच खूब तीखी बहस हुई। बहस गंभीर रुप धारण करती इससे पहले शंकराचार्य के सेवक सांसद को किसी तरह पकड़ कर कमरे से बाहर ले गये। पूरी घटना शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है।
Meerut News: लव जिहाद के मुद्दे पर आज यहां ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद और बीजेपी सांसद के बीच खूब तीखी बहस हुई। बहस गंभीर रुप धारण करती इससे पहले शंकराचार्य के सेवक सांसद को किसी तरह पकड़ कर कमरे से बाहर ले गये। पूरी घटना शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है।
दरअसल, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद मेरठ में गढ़ रोड राजेश्वरी मंदिर में श्रीराम दरबार और पंचमुखी हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में आए थे। इस दौरान बात लव जिहाद पर चली तो किसी ने उनके समक्ष लव जिहाद के खिलाफ बने कानून का जिक्र कर दिया। इस पर लगभग भड़कने के अंदाज में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि लव जिहाद पर कानून बनाने से क्या होगा। जब भाजपा की ही दोहरी नीति है।
शंकराचार्य बोले- लव जिहाद पर बीजेपी कर रही दोहरापन
शंकराचार्य बोले-एक तरफ तो बीजेपी इसका विरोध करती है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री संघ प्रचारक रामलाल की बेटी की शादी में आशीर्वाद देने लखनऊ पहुंचते हैं, जबकि उनकी बेटी की शादी मुस्लिम युवक से हुई। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की यह बात वहां मौजूद संघ पदाधिकारी विनोद भारती को चुभ गई। विनोद भारती तपाक से बीच में बोल पड़े कि -रामलाल तो अविवाहित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी उनकी बेटी नहीं बल्कि भतीजी की शादी में पहुंचे थे। नाराजगी भरे स्वर में विनोद भारती शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद से कहा कि आपको गलत नहीं बोलना चाहिए। बस फिर क्या था शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बुरी तरह भड़कते हुए विनोद भारती से कहा कि संघियों का यही रवैया है। अब तुम मुझे सिखाओगे, मुझे क्या बोलना चाहिए। मैंने कुछ गलत नहीं बोला है।
बात आगे बढ़ती इससे पहले ही मौजूद लोगों ने बीच में हस्तक्षेप करते हुए मामला शांत करा दिया। अभी कुछ ही देर हुई थी कि तभी वहां बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल भी पहुंच गए। सांसद को जब विवाद का पता चला तो उन्होंने शंकराचार्य से विवाद के विषय में पूछ लिया। शंकराचार्य गुस्से में तो थे ही ऐसे में बीजेपी सांसद का पूछना उन्हें बुरा लगा। शंकराचार्य का व्यवहार सांसद राजेन्द्र अग्रवाल को अखर गया। नाराज सांसद ने शंकराचार्य को सन्यासी मानने से ही इंकार कर दिया। बहस, गंभीर रुप धारण करती इससे पहले ही शंकराचार्य के सेवक सांसद को किसी तरह पकड़ कर कमरे से बाहर लेकर चले गये।