पलायन की ओर एक और कदम, बड़ी संख्या में मजदूरों ने चुना ये रास्ता

झांसी के शिवाजी नगर पर स्थित सीएनजी पम्प पर सैकडों की संख्या में महाराष्ट्र नम्बर के आटो की लम्बी लाइन देखने को मिली है जो अपने परिवार को लेकर रोजीरोटी के लिए फिर से महाराष्ट की ओर पलायन कर रहे है।

Update:2020-08-20 14:48 IST
पलायन की ओर एक और कदम, बड़ी संख्या में मजदूरों ने चुना ये रास्ता

झांसी: झांसी के शिवाजी नगर पर स्थित सीएनजी पम्प पर सैकडों की संख्या में महाराष्ट्र नम्बर के आटो की लम्बी लाइन देखने को मिली है जो अपने परिवार को लेकर रोजीरोटी के लिए फिर से महाराष्ट की ओर पलायन कर रहे है। जब समाजिक कार्यकर्ता अमरदीप वमोनिया ने प्रवासी मजदूरों से चर्चा कि तो उन्होने बताया कि आज तीन माह हो गये है गांव में कोई भी रोजगार नही है बच्चों के पालन-पोषण के लिए फिर से शहर की ओर जाना पड रहा है।

ये भी पढ़ें:CBI की स्पेशल टीम: सुलझाएगी सुशांत की मौत की गुत्थी, सच आयेगा सामने

प्रवासी मजदूर प्रकाश ने बताया कि जब हम लोग परिवार के साथ गांव आये तो सोचा कि मनरेगा में काम मिल जायेगा लेकिन काम तो मिला लेकिन मजदूरी के पैसे नही मिले ऐसी मजदूरी करने से क्या लाभ जो समय पर मजदूरी का पैसा न मिले इस लिए बच्चों के पेट पालने के लिए फिर से महाराष्ट जा रहे है।

कंपनी के मालिक ने किया फोन, चल दिए महाराष्ट्र

महाराष्ट्र की कम्पनी में काम करने बाले मजदूर ने बताया कि जिस कम्पनी में काम करते है उन कम्पनी के मालको का फोन आ गया क्योकि लेवर न होने के कारण शहरों की कम्पनी में काम ठप्प पडा है। महाराष्ट्र की ओर जा रहे राम गोपाल वर्मा ने बताया कि अगर गांव में ही हमे रोजगार मिल जाता तो हम कभी शहर की ओर पलायन नही करना पडता।

प्रवासी मजदूरों की खरा पर नहीं उतरी प्रदेश सरकार

पलायन कर रहे चतुर सिंह ने कहा कि तीन माह पहले लॉक डाउन के कारण गांव की और आना पडा था सरकारों से बहुत उम्मीद भी थी कि हमारी सरकारे रोजगार के कुछ नये अवसर लायेगी लेकिन शासन प्रशासन प्रवासी मजदूरों की उम्मीदों पर खरा नही उतरे न मजदूरों को सुचारू रूप से रोजगार नही मिला। आज महाराष्ट बाढ मे डूबा हुआ है लेकिन फिर भी अपने पेट के लिए जाने को मजबूर है।

ये भी पढ़ें:दलित प्रधान की हत्या के विरोध में सड़कों पर उतरे कांग्रेसी, पुलिस से की धक्कामुक्की

बुंदेलखंड में सूखा जैसे हैं हालात

सुमित अहिरवार ने बताया कि मेरे पास अच्छी खैती की जमीन होते हुए भी पलायन करना पड रहा है सोचा था कि इस बार पानी की अच्छी बारिस होगी जिससे अपनी स्वयं ही खैती करूगा लेकिन पूरी बरसात निकल गयी और बुन्देलखण्ड में सूखा जैसे हालात नजर आ रहे है जिससे रोजगार के लिए शहर जा रहे है।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News