Sonbhadra News: अवैध खनन पर चला हंटर: दो पट्टे निरस्त, चार पर पेनाल्टी, सोनभद्र दौरे के बाद खनन सचिव की बड़ी कार्रवाई
Sonbhadra News: चार दिन पूर्व सोनभद्र के दौरे पर आईं खनन सचिव सह निदेशक डा. रोशन जैकब की तरफ से बड़ी कार्रवाई सामने आई हैं। उन्होंने जहां नियमों को धता जताकर, निर्धारित एरिया से बढ़कर अवैध खनन के लिए चार खनन पट्टों पर तत्काल पेनाल्टी लगाने के लिए कहा है।
Sonbhadra News: चार दिन पूर्व सोनभद्र के दौरे पर आईं खनन सचिव/निदेशक डा. रोशन जैकब की तरफ से बड़ी कार्रवाई सामने आई हैं। उन्होंने जहां नियमों को धता जताकर, निर्धारित एरिया से बढ़कर अवैध खनन के लिए चार खनन पट्टों पर तत्काल पेनाल्टी लगाने के लिए कहा है। वहीं अवैध खनन को लेकर दो पट्टों को निरस्त करने और दो प्रस्तावित पट्टों के पक्ष में जारी सहमति प्रमाण पत्र निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। अभ्यर्पण वाले पट्टों के भी मामलों का अविलंब निबटारा करते हुए, संबंधित एरिया के लिए नए सिर से पट्टा आवंटन का निर्देश दिया गया है। शासन स्तर से हुई इस बड़ी कार्रवाई से सोनभद्र के खनन जगत में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
समस्याओं के निस्तारण पर हुई थी चर्चा
बताते चलें कि गत 12 जुलाई को डा. रोशन जैकब ने सोनभद्र का दौरा किया था। यहां पट्टाधारकों और अधिकारियों के साथ बैठक कर खनन को लेकर मिल रही शिकायतों और समस्याओं के निस्तारण पर चर्चा की थी। साथ ही खनन क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। दौरे के चार दिन बाद रविवार को उनकी तरफ से भी बड़ी कार्रवाई सामने आई तो हड़कंप मच गया।
विभिन्न जांच दलों की रिपोर्ट पर लिया गया एक्शन
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक खनन निदेशक डा. रोशन जैकब के नेतृत्व और निर्देशन में पिछले दिनों निदेशालय के जांच दलों ने सोनभद्र में पत्थर खनन पट्टा क्षेत्रों की जांच की थी। जांच के बाद प्रस्तुत आख्या के आधार पर मामले में डीएम सोनभद्र को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इन खनन पट्टों पर लगाई जाएगी पेनाल्टी
निर्देशित किया गया है कि पट्टा धारक बाबा इंडस्ट्रीज, मेसर्स गणेशाय इंटरप्राईजेज, मेसर्स साईं राम इंटरप्राईजेज और पटटाधारक सुरेश चंद्र गिरी द्वारा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध खनन पाया गया है। उनके उपर उत्तर प्रदेश उपखनिज (परिहार) नियमावली-2021 के अंतर्गत शास्ति और खनिमुख मूल्य अधिरोपित के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही धनराशि जमा होने तक खनन कार्य प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया गया है।
इन खनन पट्टों के निस्तीकरण का जारी किया गया है निर्देश
बताया गया है कि निदेशालय स्तर पर परीक्षण में यह तथ्य स्पष्ट हुआ है कि मेसर्स साईराम इंटर प्राइजेज के पक्ष में स्वीकृत खनन पट्टे की वार्षिक मात्रा 140 हजार घन मीटर प्रति हेक्टेयर है, जो जनपद सोनभद्र में सामान्य रूप से उपलब्ध खनन योग्य मात्रा से अत्यधिक कम है। इसके चलते जहां शासन को राजस्व की क्षति हो रही है, वहीं उक्त क्षेत्र में वृहद स्तर पर अवैध खनन की भी संभावना है। डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे सभी पट्टा क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए उनके निरस्तीकरण की कार्रवाई अमल में लाई जाए। साथ ही क्षेत्र में उपलब्ध मात्रा का पुनः निर्धारण करते हुए नए सिरे आवंटन की कार्रवाई शुरू की जाए। इसी तरह जांच रिपोर्ट के मुताबिक पट्टाधारक सुरेश चन्द्र गिरी के पक्ष में स्वीकृत खनन पट्टा क्षेत्र में खान सुरक्षा महानिदेशालय द्वारा सुधारात्मक कार्य के लिए खनन कार्य प्रतिबंधित होने के पश्चात भी पट्टाधारक द्वारा अवैध खनन किए जाने की पुष्टि हुई है। इसको लेकर पट्टे को तत्काल निरस्त कर क्षेत्र में उपलब्ध मात्रा का पुनः निर्धारण कराते हुए विज्ञापन की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश खनन निदेशक ने दिए हैं।
ड्रोन के जरिए सभी खनन पट्टों की निगरानी-जांच करते रहने के निर्देश
यह भी निर्देश दिया गया है कि सोनभद्र के सभी खनन पट्टा क्षेत्रों की एक नियमित अंतराल पर जांच कराई जाए। जांच के लिए जिला खनिज न्यास निधि के माध्यम से ड्रोन का उपयोग किया जाय। जांच के उपरांत यदि किसी भी पट्टाधारक द्वारा स्वीकृत क्षेत्र के बाहर अवैध खनन की पुनरावृत्ति पाई जाती है, तो उस पर शास्ति अधिरोपित करने के साथ ही पट्टा निरस्तीकरण के निर्देश दिए गए हैं।
इन प्रक्रियाधीन पट्टों का सहमति प्रमाण पत्र निरस्त करने के निर्देश
जांच में पाया गया है कि कि वर्ष 2017 से 2021 तक विभिन्न खनन क्षेत्रों के लिए निर्गत एलओआई का पर्यावरण स्वच्छता प्रमाण पत्र अभी तक लंबित है। उदाहरण स्वरूप मेसर्स चैंपियन ग्रुप आफ काम्प्लेक्स का वर्ष 2018 और मेसर्स महाकाल इंटर प्राइजेज का वर्ष 2021 से लंबित है। जारी निर्देश में कहा गया कि इसे लंबित रखने में प्रस्तावक की संलिप्तता प्रतीत होती है। निर्देश दिए गए हैं कि इन दोनो पट्टा क्षेत्रों के लिए निर्गत सहमति पत्र को तत्काल निरस्त करते हुए, पुनः विज्ञापन की प्रक्रिया अपनाई जाए।
अभ्यर्पण वाले मामलों के भी शीघ्र निबटारे का निर्देश
इसके अतिरिक्त ऐसे पट्टें, जिनको लेकर अभ्यर्पण प्रार्थना पत्र दिया गया है लेकिन मामले पर जिला स्तर से निर्णय न लेकर लंबे अवधि से लंबित रखा गया है। आशंका जताई गई है कि इसके चलते अवैध खनन की संभावना बनी हुई है। सीएस इंफ्रा कंसट्रक्शन लिमिटेड खंड संख्या तीन खसरा संख्या 7536ग मि. और नीलकंठ माइनिंग खंड संख्या-नौ, खसरा सं. 5593क, बिल्ली मारकुण्डी तहसील ओबरा सहित अभ्यर्पण के जो भी मामले हैं, उसने जुड़े प्रार्थना पत्रों का तत्काल निस्तारण करते हुए अतिशीघ्र खनन क्षेत्रों को पुनः विज्ञप्ति कराने के निर्देश दिए गए हैं।