Mirzapur: मंडी समिति में फल-सब्जी के दुकानदारों को सुविधा देने के बजाय हो रही लूट, उठाना पड़ रहा नुकसान

Mirzapur: नगर के जंगी रोड़ स्थित मंडी समिति में फल सब्जी के दुकानदारों को सुविधा देने के बजाय लूट खसोट जारी है। लाइसेंस धारक आढ़तियों को लाभ की बजाय नुकसान उठाना पड़ रहा है।

Report :  Brijendra Dubey
Update: 2022-06-07 11:35 GMT

जंगी रोड़ स्थित मंडी समिति।  

Mirzapur: नगर के जंगी रोड़ स्थित मंडी समिति में फल सब्जी के दुकानदारों को सुविधा देने के बजाय लूट खसोट जारी है। लाइसेंस धारक आढ़तियों को लाभ की बजाय नुकसान उठाना पड़ रहा है। जबकि गैर लाइसेंसी प्रतिबंधित प्लेटफार्म पर डट कर व्यापार करते हुए राजस्व को क्षति पहुंचा रहे हैं। 2017 से परेशान व्यापारियों की गुहार अनसुनी कर दी जा रही है। मंडी समिति के सचिव ने कहा कि लोगों को नोटिस दिया गया है।

दुकान कम और व्यापारी ज्यादा होने का समिति ने उठाया फायदा

मंडी समिति परिसर में व्यापारियों को अच्छा मुनाफा मिलने की बात कह दुकानें आवंटित की गई। दुकान कम और व्यापारी ज्यादा होने का समिति ने फायदा उठाया। वर्ष 2017 में नीलामी के दौरान 5 लाख वाली दुकान को 14 लाख से ज्यादा की कीमत पर आवंटित किया गया । इसी प्रकार छोटी दुकान 2.5 लाख वाली को 8 लाख से अधिक में दिया गया । जहा अब तक कई दुकानदार इंट्री तक नहीं कर पाए हैं। आख़िर जब सफाई संग सुविधा होगी तभी तो ग्राहक आयेंगे। मंडी समिति में प्लेटफार्म नंबर 2 कृषि अनाज के लिए आरक्षित हैं। जिस पर अवैध रूप से फल और सब्जी की दुकानें सजी है। सब्जी फल के लिए आवंटित प्लेटफार्म नंबर 3 और उसके आस पास सन्नाटा पसरा है।

सैकड़ों लाइसेंस धारक व्यापारियों को स्थान तक आवंटित नहीं किया गया है। प्लेटफार्म नंबर 2 के पास दुकानें बेरोक टोक चल रही है। पीछे स्थित दुकानों पर ग्राहकों के न जाने से व्यापारी परेशान है। लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद उन्हें बोहनी के लिए भी तरसना पड़ रहा है। जबकि अवैध रूप से बगैर लाइसेंस के काम करने वाले राजस्व पर डाका डाल रहे है। अनारक्षित स्थान पर चल रहा अवैध व्यापार बिना मंडी समिति की जिम्मेदारी सम्हालने वाले के मिली भगत के असंभव है।

व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद की जा रही है: सचिव

मंडी समिति सचिव मंडी दिलीप सिंह (Market Committee Secretary Mandi Dilip Singh) ने कहा कि समिति में व्याप्त अव्यवस्था पर मंडी समिति के सचिव ने कहा कि 2017 में नीलामी हुई थी। कोरोना काल के चलते विलंब हुआ है। सब कुछ ठीक करने के लिए मई में आढ़तियों को नोटिस जारी किया गया है। व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद की जा रही है।

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