तूफान ने सब कुछ कर दिया तहस-नहस, कई पशु-पक्षियों समेत 15 लोगों की मौत

जिले में शुक्रवार की देर शाम को चक्रवात और बर्फबारी की चपेट में आने से अलग-अलग इलाकों में कुल 13 लोगों की जान चली गई। वहीं 42 लोग घायल हो गये।

Update: 2020-03-14 15:17 GMT

मीरजापुर: जिले में शुक्रवार की देर शाम को चक्रवात और बर्फबारी की चपेट में आने से अलग-अलग इलाकों में कुल 13 लोगों की जान चली गई। वहीं 42 लोग घायल हो गये। तबाही का ये मंजर इतना भयानक था कि देखते ही देखते कुछ ही मिनटों में 314 गरीब किसानों के घर जमीनदोज हो गए।

किसानों की फसलें बर्बाद हो गयी। चक्रवात का मंजर इतना खौफनाक था कि वर्षो पुराने बड़े-बड़े पेड़ मिनटों में धराशायी हो गए। पेडों के सड़कों पर गिरने से आवागमन बाधित हो गया। विद्युत आपूर्ति कल रात से ही जिले में ठप हो गयी जिसकी मरम्मत लगातार जारी है।

हालांकि शनिवार की दोपहर तक शहरी क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति कुछ जगहों पर नगरपालिका क्षेत्र में शुरू कर दी गयी है। लेकिन चक्रवात ने इतनी भयानक तबाही मचाई है कि पूरे नगरपालिका क्षेत्र सहित ग्रामीण इलाकों में विद्युत व्यवस्था पूरी तरीके से ध्वस्त हो गया है। अन्नदाता अपनी जमींदोज फसलों को देखकर बेचैन है। वही भारी संख्या में पक्षियों की मौत हो गई है।

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जिलाधिकारी ने की 15 लोगो की मौत की पुष्टि

जिले में चक्रवाती तूफान में 15 लोगों की मौत हो गयी। जिसमें सदर तहसील से सात लोग जिसमें कि गोसिपुर गाँव से कोतला देवी पत्नी अमरनाथ,गौरा में राजेश यादव पुत्र सियाराम, केवला देवी पत्नी सियाराम वहीं सिरसी गहरवार से काजल पुत्री लालजी,रामगया घाट से चमेली देवी पत्नी पखंडू ,गोपालपुर से बिंदिया पुत्री मनोज की मौत हो गयी।

लालगज तहसील के जगिनाथ पुत्र देवसरन, रामपुर देवीदीन में खिलाड़ी पुत्र चिखुड़ी,धसड़ा में जंगली पुत्र जमुना, चुनार तहसील के इमिलियाचट्टी में तेतरा देवी पत्नी मेघू पाल, रामसगरा पोखरा गंगा देवी, फुलवारी में आलम पुत्र अवनीश और तहसील मड़िहान के देवपुरा में अमित पुत्र जगरदेव समेत 15 लोगो की मौत हो गयी है। घायलों की संख्या 42 है। जिनका इलाज मण्डलीय अस्पताल में किया जा रहा है।

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कुदरत की मार से 71 बकरियों समेत 21 गायों की मौत

जिले के लगभग सभी तहसीलों की जिला प्रशासन ने क्षेत्र में हुए नुकसान की अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई जिसमें जिलाधिकारी ने बतायाकि रिपोर्ट मांगी जिसमें सभी अधिकारियों में हड़कम्प मच गया और सभी अधिकारी अपने क्षेत्र का दौरा कर रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौपा जिसमें 71 बकरियों समेत 21 गायों की मौत हो गयी। जिले में कुदरत ने लोगों को ऐसी मार ओले के रूप में मारी है जिसमें पशु-पक्षियों को भी नहीं छोड़ा गया है।

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