Mirzapur: उत्तराखंड टनल हादसे में फंसे 40 लोगों में एक युवक मिर्जापुर का, परिजन हताश, हेल्पलाइन पर लगातार कर रहे फोन
Uttarakhand Tunnel Collapse: मिर्ज़ापुर के युवक के परिजनों ने बताया कि, इसी हफ्ते वो घर आने वाला था। इस घटना की खबर से उनकी दिवाली फीकी रही। गम में एक-एक पल बीत रहा है।
Uttarakhand Tunnel Collapse : उत्तराखंड टनल हादसे में फंसे 40 लोगों में से एक मिर्जापुर का युवक है। जानकारी मिलने की बाद से परिवार के लोग परेशान हैं। जानकारी के अनुसार, 3 साल से युवक सुपरवाइजर का काम कर रहा था। हालात ये है कि हर दो घंटे बाद परिजन उत्तराखंड के हेल्पलाइन नंबर पर बात कर रहे हैं। हेल्पलाइन के अनुसार, टनल में फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं। जल्द ही उन्हें रेस्क्यू कर लिया जाएगा।
मिर्ज़ापुर के युवक के परिजनों ने बताया कि, इसी हफ्ते वो घर आने वाला था। इस घटना की खबर से उनकी दिवाली फीकी रही। कोई ख़ुशी नहीं। बल्कि, गम में एक-एक पल बीत रहा है। परिजनों की मांग है कि सरकार जल्द फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकाल ले।
टनल का 50 मीटर हिस्सा धंस गया था
दरअसल, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले (Uttarkashi district) में दिवाली के दिन बड़ा हादसा हुआ। टनल का 50 मीटर हिस्सा धंस जाने से 40 मजदूर फंस गए। निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। टनल हादसे में फंसे 40 लोगों में से एक मिर्ज़ापुर जिले के अदलहाट थाना क्षेत्र के घरवासपुर गांव का युवक भी है। जानकारी मिलने के बाद से ही गांव और परिवार वाले परेशान हैं। हर दो घंटे बाद युवक के चाचा विजय उत्तराखंड के हेल्पलाइन नंबर पर बात कर हाल ले रहे हैं।
खाना, पानी, ऑक्सीजन दिया जा रहा
हेल्पलाइन के मुताबिक, फिलहाल सभी सुरक्षित हैं। जल्द ही रेस्क्यू कर उन्हें बाहर निकाला लिया जाएगा। टनल में फंसे सभी लोगों को खाना, पानी और ऑक्सीजन दिया जा रहा है। वहीं, परिजनों का कहना है कि इसी हफ्ते उनका बेटा घर आने वाला था। घटना होने से उनकी दिवाली फीकी रही। परिजनों की मांग है कि सरकार जल्द फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकाले।
अखिलेश की पत्नी प्रेग्नेंट है
परिजनों ने युवक का नाम अखिलेश कुमार बताया। उनका कहना है तीन साल से 'नवयुगा कंपनी' वो में काम करते हैं। रक्षाबंधन पर घर आए थे। तीन दिन पहले भी फोन पर बात हुई थी। जब से ये जानकारी मिली है हम सब परेशान हैं। अखिलेश की पत्नी प्रेग्नेंट है। उन्हें किसी ने कुछ नहीं बताया। अखिलेश के पिता रमेश कुमार के साथ उनके परिवार और ग्रामीण परेशान हैं। सबकी सरकार से मांग है कि जल्द ही सभी सुरक्षित निकाल जाएं। हमारे गांव में दिवाली का पर्व फीका पड़ गया।