काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर एमएलसी की याचिका खारिज
कोई पीड़ित कोर्ट नही आया। एमएलसी पीड़ित पक्ष नही है। ऐसे में वह याचिका कैसे दाखिल कर सकता है। याची ने याचिका वापस ले ली। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर व न्यायमूर्ति सी डी सिंह की खंडपीठ ने शतरुद्र प्रकाश व् अन्य की जनहित याचिका पर दिया है।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के खिलाफ एम् एल सी शतरुद्र प्रकाश की जनहित याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की और कहा कि एक एमएलसी ने प्रकरण सदन में न उठाकर कोर्ट में याचिका दाखिल की। उसे सदन में मुद्दा उठाने का अधिकार है।
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कोई पीड़ित कोर्ट नही आया। एमएलसी पीड़ित पक्ष नही है। ऐसे में वह याचिका कैसे दाखिल कर सकता है। याची ने याचिका वापस ले ली। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर व न्यायमूर्ति सी डी सिंह की खंडपीठ ने शतरुद्र प्रकाश व् अन्य की जनहित याचिका पर दिया है।
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याची का कहना था कि मंदिर ट्रस्ट ने मकान खरीद लिए। जिनमे व्यवसाय कर रहे किरायेदारों के पुनर्वास की व्यवस्था किये बगैर भवन ध्वस्त कर दिए गए। किरायेदारों की जीविका छीन ली गयी। उन्हें बिना क़ानूनी प्रक्रिया अपनाए जबरन बेदखल कर दिया गया। याचिका में वाराणसी के पौराणिक धरोहरों को तोड़े जाने व् सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान पहुचने का आरोप लगाया गया था। कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।
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