अब मोदी चलाएंगे दुकान, फीकी नहीं होने देंगे कोरोना में होली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धाक तो पूरे देश में हैं, तो ऐसा कैसे हो सकता था कि होली में इनकी धूम न मचे। तो हर बार की तरह इस बार भी मोदी मुखौटे बड़ी संख्या में मार्केट में आये हुए हैं।
आशुतोष त्रिपाठी
लखनऊ: होली पर्व एक ऐसा त्यौहार है जो अपने आने से पहले ही उल्लास और उमंग के रंग आबोहवा में घोल देती है। होली को लेकर राजधानी लखनऊ के लोगों में भी खासा उत्साह नजर आ रहा है। राजधानी लखनऊ में जगह-जगह रंग और पिचकारियों की दुकानें सज गयी हैं। लेकिन इस बार भारतीय बाजारों कोरोना वायरस होली के रंग कुछ फीके नजर आ रहे हैं, रंगों की दुकानों को सजे दो दिन हो गए हैं लेकिन ग्राहकों का आना नहीं हो रहा है। दुकानदारों का मानना है इसकी सीधी वजह कोरोना का बढ़ रहा प्रकोप है।
लोगों ने दुकानों से मुंह मोड़ा
कोरोना वायरस का डर भारतीय बाजार में इस कदर फ़ैल चुका है कि रंगों की दुकान लगे दो दिन का समय हो चुका है लेकिन दुकानों से ग्राहक नदारद हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा होली को लेकर जारी किये गए गाइडलाइन ने दुकानदारों को चिंता में डाल दिया। कुछ दुकानदारों का तो यहां तक मानना है कि इस बार लागत का वापस मिलना भी मुश्किल दिख रहा है। वहीं कुछ दुकानदार को अभी भी विश्वास है कि आने वाले समय में उनकी बिक्री होगी।
मोदी मुखौटे चलाएंगे हमारी दुकान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की धाक तो पूरे देश में हैं, तो ऐसा कैसे हो सकता था कि होली में इनकी धूम न मचे। तो हर बार की तरह इस बार भी मोदी मुखौटे बड़ी संख्या में मार्केट में आये हुए हैं।
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दुकानदार सुमित ने बताया कि इस बार होली की धूम पहले जैसी तो नहीं है लेकिन हमें पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जो मुखौटे आये हैं वो बड़ी संख्या में बिकेंगे, जो आदमी पूरा देश चला सकता है वो हमारी छोटी सी दुकान क्यों नहीं चलाएंगे। दुकानदार विजय ने बताया क़ि इस बार लोगों का रुझान देशी पिचकारी की तरफ ज्यादा है। इसके साथ-साथ पीएम मोदी के मुखौटे की बड़ी डिमांड है।
हर्बल रंगों की डिमांड
इस बार बाजारों में हर्बल गुलाल और हर्बल रंग की मांग तेजी से बढ़ी है। बाजार में हर्बल गुलाल 100 से 400 रुपया प्रति पैकेट तक है। हर्बल कलर का 10 ग्राम का पैकेट 30 रुपया तक में बिक रहा है। इसके आलावा मास्क, तरह-तरह की पगड़ियां, पिचकारियां भी बाजार में आई हुई हैं।
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