Moradabad News: राजनैतिक दलों के भेदभाव पर भड़के मोमिन, कहा- हमें अपने दम पर चुनाव मैदान में ताल ठोकनी चाहिए
Moradabad News: अकलियतों का विकास जिस तरह होना चाहिए वह नहीं हो पाया है। मुसलमानों का हितैषी होने का दावा करने वाले राजनैतिक दल इस बिरादरी को नज़रअंदाज करते आ रहे हैं।
Moradabad News: ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज़ अहमद अंसारी रविवार को मुरादाबाद पहुंचे। वह कॉन्फ्रेंस के दो पदाधिकारियों जिलाध्यक्ष अनवर अंसारी एवं अनवार हुसैन के इंतकाल पर ताजि़यत के सिलसिले में मुरादाबाद आये थे। मरहूमों के परिवार वालों से मुलाकात के साथ ही वह प्रिंस रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से रूबरू हुए और कॉन्फ्रेंस की मुहिम पर रोशनी डाली।
उन्होंने कहा कि हम मोमिन कॉन्फ्रेंस के बैनर तले मुस्लिम समाज को एकजुट कर उन्हें मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं। क्योंकि आज देश में अकलियतों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। अकलियतों का विकास जिस तरह होना चाहिए वह नहीं हो पाया है।
राजनैतिक दल इस बिरादरी को नज़रअंदाज कर रहे हैं- फिरोज अहमद अंसारी
उन्होंने कहा कि इसके लिए समाज को एकजुट होना जरूरी है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए फिरोज़ अहमद अंसारी ने कहा कि देश के तमाम राज्यों में मुसलमानों में अंसारी बिरादरी बहुतायत में है। यूपी में मुस्लिमों की बात करें तो इसमें भी पचास प्रतिशत से ज्यादा अंसारी हैं। लेकिन इसके बावजूद भी मुसलमानों का हितैषी होने का दावा करने वाले राजनैतिक दल इस बिरादरी को नज़रअंदाज करते आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी ताकत का एहसास कराना होगा। यदि राजनैतिक दल हमें दरकिनार करते हैं तो हमें अपने दम पर चुनाव मैदान में ताल ठोकनी चाहिए। जिससे कि ऐसे दलों को हमारी ताकत का अहसास हो सके।
उन्होंने कहा कि बुनकरों आर्टीजन्स वगैरह के लिए कोई फंड की व्यवस्था नहीं है। उनके समक्ष तमाम समस्याएं हैं। हमने राहुल गांधी से कहा कि हमारी समस्याएं सदन में उठाएं हमारी समस्याओं का समाधान होना चाहिए।
सरकार में नुमाइंदगी न होने से कौम को नुकसान- फिरोज अहमद अंसारी
राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज अहमद अंसारी भाजपा सैक्युलर सिविल कोड लाने की बात कर रही है जो सरकार खुद सैक्युलर नहीं है। सरकार में एक भी मुस्लिम मंत्री शामिल नहीं है वह ऐसा कैसे कर पायेगी। उन्होंने कहा कि अब मोमिन बिरादरी में जागरूकता आ रही है। पढ़ाई का स्तर बढ़ रहा है। लेकिन सरकार में नुमाइंदगी न होने की वजह से हमे नुकसान उठाना पड़ रहा है।