Moradabad: मजाक बना मुख्य मंत्री सामूहिक विवाह समारोह, युवती ने किया दंग करने वाला काम

Moradabad News: मुरादाबाद में सामूहिक विवाह में एक अजीब दृश्य देखने को मिला, जहां युवती ने माँग में लगे सिंदूर को कपड़े से पोंछ दिया।

Report :  Sudhir Goyal
Update:2024-03-09 18:33 IST

मुरादाबाद में हुआ सामूहिक विवाह। (Pic: Newstrack)

Moradabad News: मुरादाबाद में आज मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत महानगर में लगभग 539 जोड़ो के विवाह संपन्न कराए गए। जिसमे हिन्दू समाज के 256 वर वधु और 283 मुस्लिम समाज के वर वधु को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आशीर्वाद मिला। सामूहिक विवाह में एक अजीब दृश्य देखने को मिला। 


युवती ने मांग में भरा सिंदूर कपड़े से पोंछा

सामूहिक विवाह में एक बड़ा ही विचित्र दृश्य देखने को मिला। ब्लॉक छजलैट जिसमे वर और वधु शादी के लिए मंडप में बैठे थे। पंडित जी मंत्रो का उच्चारण कर रहे थे। जैसे ही पंडित जी ने माइक से वधु की मांग में सिंदूर भरने की बात कही तो युवक ने युवती की मांग मे सिंदूर लगाया वैसे ही युवती ने मांग में भरा सिंदूर कपड़े से पोंछ दिया और बैठ गयी। अचानक हुए इस कृत्य को पहले तो नजरंदाज कर दिया गया, लेकिन जब अन्य वर और वधु को देखा गया तो अधिकतर युवतियों की मांग में सिंदूर ही नहीं था। पंडित जी ने जब दोबारा कहकर मांग में सिंदूर लगवाया तो उसे फिर हटा दिया गया। सनातन धर्म में फेरे लेने के बाद मांग भरने के उपरांत ही स्त्री को पुरुष के बाएं अंग में आना होता है। अब ऐसे में मांग में बिना सिंदूर भरे शादी का कोई महत्व नहीं होता। उस वक्त लगा कि ये दोनों शादी ही नही करना चाहते होंगे लेकिन उसके बाद जो अन्य कुछ जोड़ों को देखा गया तो उनका भी यही हाल था। सभी एक दूसरे से अपनी आंखें बचाते नज़र आये।

मांग में सिंदूर की जगह माथे पर लगाया तिलक

किसी ने मांग में सिंदूर भरने के बजाय माथे पर तिलक कर दिया तो किसी ने अपनी मांग का सिंदूर ही हटा दिया। जब इस बारे में विवाह सम्पन्न करा रहे पंडित जी से पूछा गया तो उन्होंने कई और चौकाने वाली बात सामने रख दी।  पंडित जी ने बताया कि कई जोड़े तो फेरे ही लेने को तैयार नहीं थे। मेरे हिसाब से सात फेरे भी जबरदस्ती दिलवाए गए क्योंकि कहने के बावजूद भी पंडाल में मौजूद कुछ वर वधु फेरे लेने को तैयार ही नहीं थे। हालांकि जब इस मामले पर जिला समाज कल्याण अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि पूरी जांच करके ही युवक और युवतियों को यहां लाया गया है और उनकी शादी हो रही है। सनातन धर्म में परंपरा है कि बिना सिंदूर की शादी का कोई महत्व नही रह जाता है। लेकिन जब ये युवतियां पंडाल में ही बैठकर सिंदूर को हटाने में लगी हो तो इनकी शादी कितने मिनट तक टिकी है ये अंदाजा भी लगाया जा सकता है। पत्रकारिता की भाषा में कहें तो सिर्फ लाभ के लिए शादी में जोड़ो को बिठाया गया और लाभ लेकर रफूचक्कर होते बने।

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