Moradabad News: खाकी वर्दी पर स्टार लगाने की ख्वाहिश में दिखाया फर्जी आदेश, सामने आई ये हकीकत
Moradabad News: फर्जी आदेश दिखाकर कंधे पर स्टार सजा लिया और नौकरी करते रहे। मामला सामने आया तो महकमे में हड़कंप मच गया। इस मामले में कुछ विभागीय क्लर्कों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
Moradabad News: अग्निशमन विभाग में हेड कांस्टेबिल के सहायक उपनिरीक्षक के पहरेदारकर्मियों की वर्दी पर स्टार सजावट की इच्छा कुछ इस कदर परवान चढ़ गई कि उन्होंने विभाग को ही भ्रमित कर दिया। फर्जी आदेश दिखाकर कंधे पर स्टार सजा लिया और नौकरी करते रहे। मामला सामने आया तो महकमे में हड़कंप मच गया। इस मामले में कुछ विभागीय क्लर्कों के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
Also Read
ये था अग्निशम विभाग में पूरा मामला
एसएसपी के आदेश पर अग्निशमन विभाग में आठ प्रमुख कांस्टेबिल की वर्दी में एक स्टार को नियुक्त किया गया था। एसएसपी के आदेश पर स्टार लगाने की शिकायत विभागीय सहायक उप निरीक्षक ने एसएसपी से की। इसके बाद शासन के निर्देशों के अनुरूप् एसएसपी द्वारा आदेश जारी कर दिया गया। सीएफओ सुभाष कुमार ने बताया कि वर्ष 2016 से पहले हेड कांस्टेबिल से मिलने वालों को सहायक उप निरीक्षक उपनाम दिया गया था और एक स्टार लगाने की सुविधा भी थी। इस मामले में साल 2016 में ऐसा होने लगा कि सात साल बाद ही एक स्टार मिलेगा। इसके विपरीत अग्नि शमन विभाग के लिपिक पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2016 में आदेश को छिपाते हुए एसपी से स्टार लगाने का आदेश ले लिया। आदेश के क्रम में देखने वाले आठ कर्मचारियों ने वर्दी पर स्टार लगाना शुरू कर दिया। जांच में सामने आया कि इस दौरान चालक को छोड़कर सभी हेड कांस्टेबिल के सात साल पूरे नहीं हुए थे।
पीएसी मुख्यालय में कार्यरत हैं लिपिक
बताया जाता है कि प्रधान लिपिक मुकेश कुमार मलिक ने एसएसपी हेमराज मीणा से इसकी शिकायत की और बताया कि लिपिक संजय कुमार ने गलत तरीके से ऑर्डर का आकलन किया है। संजय अब लखनऊ के पीएसी मुख्यालय में कार्यरत हैं। एसएसपी हेमराज मीणा के निर्देश पर प्रधान लिपिक मुकेश कुमार मलिक की तहरीर पर संजय कुमार के खिलाफ थाना सिविल लाइन में धोखाधड़ी की शिकायत की है और षडयंत्र की धारा 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर सिविल लाइन रामप्रसाद शर्मा ने बताया कि पिछले तीन मार्च को रिकॉर्ड्स में यह फर्जी प्रमोशन अकाउंट किया गया है। इंस्पेक्टर सिविललाइन द्वारा साजिश और धोखाधड़ी के साथ 196, 417 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।