Moradabad News: नगर निगम की बोर्ड बैठक बनी अखाड़ा, जमकर धक्कामुक्की, पुलिस ने संभाले हालात, ये थी वजह
Moradabad News: नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक शुरू होते ही अधिकारियों और बोर्ड पदाधिकारियों के बीच विवाद हो गया।
Moradabad News: नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक शुरू होते ही अधिकारियों और बोर्ड पदाधिकारियों के बीच विवाद हो गया। हंगामा शुरू होते ही धीरे-धीरे बाहरी लोग अंदर घुसने लगे। दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए और जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान पुलिस ने किसी तरह हालात संभाले। इस हंगामे के दौरान मेयर के साथ भी धक्का मुक्की हुई।
बैठक शुरू होते ही माहौल हुआ गर्म, शाम तक चला हंगामा
बताया जाता है कि करीब साढ़े बारह बजे नगर निगम बोर्ड की पहली बैठक शुरू हुई। जनप्रतिनिधि क्षेत्र के विकास का खाका लेकर बहुत उम्मीदों के साथ बैठक में आए थे। नवनियुक्त पार्षदों में जोश और हौंसला था। सभापति सुरेंद्र विश्नोई ने नगर निगम के स्थाई और संवैधानिक पदों की सूची सभी मौजूद सदन सदस्यों को उपलब्ध कराने की मांग की। ताकि विकास को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। दूसरी तरफ स्टाफ सदस्यों की बात और उनके काम की परख के लिए कार्मिक बैठकें आयोजित की गईं थीं। जिसमें नगर निगम कर्मचारी संगठन के सफाई कर्मचारी संघ से जुड़े लोग भी शामिल थे। सदन की बैठक में स्टाफ़ यूनियन के आने पर मेयर ने कहा कि प्रमाण पत्र तो कभी भी दिया जा सकता है। बस, यहीं से कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच तनानती शुरू हो गई।
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पुलिस सुरक्षा के बीच मेयर को निकलना पड़ा बाहर
नगर निगम सदन बैठक के दौरान सभापति सुरेंद्र विश्नोई ने एक अधिकारी का नाम लेकर उसे स्टाफ से अलग कर दिया। इस कर्मचारियों ने विरोध किया और हंगामा शुरू हो गया। नवनियुक्त मेयर सदन के ये हालात देखकर अचरज में थे। उन्होंने लोगों का समझाने का प्रयास किया, लेकिन न कर्मचारी शांत हुए न जनप्रतिनिधि। इसके बाद मेयर विनोद अग्रवाल ने बैठक के समापन की घोषणा की। मेयर जब सदन से बाहर निकले तो कर्मचारियों ने उन्हें घेर लिया। वहां मौजूद कुछ मौजूदा लोगों ने बताया कि मेयर के साथ भी धक्का-मुक्की और अभद्रता की गई। उन्हें पुलिस के सहयोग से सुरक्षा घेरा बनाकर बाहर निकाला गया।
तीन घंटे चला हंगामा
नगर निगम की बैठक में करीब तीन घंटे तक रूक-रूककर हंगामा होता रहा। कर्मचारियों को सदन में रोके रखा गया। बाहर भी कर्मचारी हंगामा करते रहे। इस बारे में सभापति सुरेंद्र विश्नोई से बात करने की कोशिश की गई थी, लेकिन उन्होंने बताया कि वह बैठक में हैं इसलिए अभी बात नहीं करेंगे। जबकि कर्मचारी नेता सुभान और कांग्रेस के नेता अनुभव का फ़ोन भी नहीं मिल सका। इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नदीम ने कहा कि सभी पार्षद जोश व उत्साह के साथ बैठक में आये थे। वह क्षेत्र में विकास कार्यों को गंभीर हैं। अगली बैठक जल्द से जल्द होनी चाहिए, जिससे शहर का विकास जल्दी हो सके।
संविदाकर्मियों को बर्खास्त करने की बात पर हुआ था हंगामा
जानकारी के मुताबिक मेयर ने पहली बोर्ड मीटिंग ने मेयर विनोद अग्रवाल ने 14 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया था। कर्मचारी नेता मो. सुभान ने बताया कि महापौर ने निर्माण विभाग के 14 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया। कर्मचारी बैठक करके बर्खास्त कर्मियों को बहाल करने तथा सफाई कर्मियों का मानदेय 15 हजार रुपये करने की मांग को लेकर ज्ञापन देने के लिए बोर्ड बैठक में आए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि तभी पार्षद विश्नोई और मेयर के निजी सचिव शेखर ने उनके साथ अभद्रता की और मेयर के साथ आए दो-तीन संदिग्ध लोगों ने उनपर हमला किया। आरोप है कि इस दौरान मेयर के निजी सचिव के पिस्टल लहराई, जिससे हंगामा बढ़ गया। कर्मचारी नेता ने कहा कि वो इसकी एफआईआरकराएंगे और गिरफ्तारी की मांग को लेकर शुक्रवार से हड़ताल पर जाएंगे।