Moradabad News: इमाम ने कहा- बीजेपी के समर्थक की यही सजा, जनाजे पर नमाज पढ़ने से किया इनकार

Moradabad News: कुंदरकी के ईमाम साहब ने मरहूम के जनाजे की नमाज पढ़ने से इंकार कर दिया। क्योंकि मरहूम भाजपा का समर्थक था। जिसको लेकर मुरादाबाद के कुंदरकी नगर में बवाल मचा हुआ है।

Report :  Sudhir Goyal
Update: 2024-08-02 17:13 GMT

भाजपा समर्थक के जनाजे पर नमाज पढ़ने से इमाम ने किया इनकार: Photo- Newstrack

Moradabad News: उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद के कुंदरकी कस्बे से एक अजीब ओ गरीब वाकया सामने आया जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु के बाद मस्जिद के इमाम ने उसकी जनाजे की नमाज नही पढ़ी क्योंकि मरहूम बीजेपी का समर्थक था।

भाजपा समर्थक के जनाजे पर नमाज पढ़ने से इमाम ने किया इनकार

कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति के मरने के बाद उसके सभी अवगुणों को भूलकर उसकी आत्मा की शांति के लिए दुआ की जाती है। लेकिन कुंदरकी के ईमाम साहब ने मरहूम के जनाजे की नमाज पढ़ने से इंकार कर दिया। क्योंकि मरहूम भाजपा का समर्थक था। जिसको लेकर मुरादाबाद के कुंदरकी नगर में बवाल मचा हुआ है। मरहूम के भाई ने कुंदरकी की मस्जिद के इमाम से मिन्नते भी की थी। परन्तु मस्जिद के इमाम ने कहा कि इस बीजेपी के समर्थक की यही सजा है।

मरहूम भारतीय जनता पार्टी का कर्मठ कार्यकर्ता था

मरहूम के भाई ने मस्जिद के इमाम और कमेटी पर आरोप लगाते हुए कहा कि "भाई के जनाजे की नमाज पढ़ने के लिए इमाम साहब ने माना कर दिया।" कहा कि ये बीजेपी का नेता है। बताया जा रहा है कि मरहूम भारतीय जनता पार्टी का कर्मठ कार्यकर्ता था और इस विधान सभा चुनावों में उसने बीजेपी के प्रत्याशी को चुनाव लड़वाया था। जिसकी उसको सजा मिली की उसके जनाजे की नमाज नही पढ़ाई गई।

ये हमारा धार्मिक मामला है- इमाम

युवक परिजनों ने इसकी शिकायत जिला अधिकारी अनुज कुमार से की है। इस मामले में जिला अधिकारी द्वारा एक जांच कमेटी बना दी गई है। इस बाबत जब मस्जिद इमाम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये हमारा धार्मिक मामला है मरहूम हमारे धर्म के बारे में गलियां देता था, बुरा भला कहता था, जब कोई हमारी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाए तो कोई क्यों उसके साथ रहेगा।

इमाम साहब ने कहा कि मामले को लेकर सभी राजनीतिक दल अब अपनी-अपनी राजनीति की रोटियां सेकेंगे और इस मामले पर जमकर राजनीति की जाएगी, अगर जनता जनार्दन का मामला बढ़ जाए तो इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कुछ इस्लाम के जानकर इसे कुंदरकी के इमाम साहब की नफरत वाली राजनीति बता रहे हैं तो कुछ लोग इसे इमाम साहब की नादानीकह रहे हैं।

आपको बता दें कि ये वही इमाम साहब हैं जो इससे पहले भी राजनीति के चलते ऐसी ही कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।

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