Moradabad News: हिंदू साम्राज्य के लिए भरी हुंकार, आरएसएस ने मनाया हिंदू साम्राज्य दिवस

Moradabad News: आरएसएस ने हिंदू साम्राज्य दिवस मनाकर शिवाजी के विचारों प्रति कृतज्ञता जताई। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक, जिसे आज हम हिन्दू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाते हैं, केवल किसी व्यक्ति विशेष के सिंहासन पर बैठने की घटना भर नहीं थी।

Update: 2023-06-04 17:44 GMT
आरएसएस ने मनाया हिंदू साम्राज्य दिवस: Photo- Newstrack

Moradabad News: आरएसएस ने हिंदू साम्राज्य दिवस मनाकर शिवाजी के विचारों प्रति कृतज्ञता जताई। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक, जिसे आज हम हिन्दू साम्राज्य दिवस के रूप में मनाते हैं, केवल किसी व्यक्ति विशेष के सिंहासन पर बैठने की घटना भर नहीं थी। बल्कि वह समाज और राष्ट्र की भावी दिशा तय करने वाली एक युगांतकारी घटना थी। हिंदू साम्राज्य दिवस हर वर्ष ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। वक्ताओं ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को हिन्दू साम्राज्य, संस्कृति, सभ्यता और सौहार्द के प्रति जागरूक करना है। इसके बारे में आरएसएस का मत है कि जिस दिन महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ, उस दिन से हिंदू साम्राज्य की पुनर्स्थापना हुई है।

संगोष्ठी में हिंदू साम्राज्य के लिए युवाओं की लगाई पाठशाला

कार्यक्रम में आरएसएस से जुड़े अलग-अलग वक्ताओं ने व्याख्यान दिए। कहा कि शिवाजी का राज्याभिषेक जिस समय हुआ था उस समय देश में हिंदू समाज की दशा, हिंदुओं के मन से ऐसी स्मृति लिप्त हो चुकी थी कि हिंदू भी राजा होते थे। हिंदुओं ने यह मान लिया कि यह कलियुग का प्रभाव है। अब कुछ नहीं हो सकता। हिंदू समाज का ऐसा मानना था कि अब हमारा जगदीश, हमारा भगवान दिल्ली में बैठा हुआ औरंगजेब है।

शिवाजी के संघर्ष पर डाला प्रकाश

कार्यक्रम में युवाओं को बताया गया कि शिवाजी ने मात्र 15 वर्ष की आयु में अपने कुछ साथियों के साथ बीजापुर के सुल्तान की सेना को परास्त कर दिया था। बिना संसाधनों के उन्होंने अपने जीवन में 276 युद्ध लड़े और सभी में विजय प्राप्त की। साधनविहीन शिवाजी ने साधन संपन्न, शक्तिशाली, खूंखार मुगलों को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। वक्ताओं ने कहा कि ऐसे शिवाजी महाराज का हिंदू समाज ऋण कभी नहीं उतार पाएगा। कार्यक्रम में बताया गया कि शिवाजी महाराज अद्वितीय क्षमता और विद्वत्ता के धनी थे। उन्होंने निराशा भरे हिंदू समाज को जागृत कर मुगलों को परास्त किया। छह लाख वर्ग किलोमीटर भूमि को स्वाधीन करवाया। शिवाजी उत्तर भारत में गुरु तेग बहादुर, राजस्थान में राणा राज सिंह, बुंदेलखंड में छत्रसाल, असम में राजा चक्रवर्त सिंह एवं जयद्रथसिंह के साथ निरंतर संपर्क में रहे। योजना बनाकर कार्य किया और परिणामस्वरूप 80 वर्षों में पूरा देश मुगलों से मुक्त हो गया था।

इन वक्ताओं ने किया संबोधित, इनकी रही उपस्थिति

इस अवसर पर मुख्य रूप से विभाग संघचालक ओम प्रकाश शास्त्री, विभाग प्रचार प्रमुख पवन जैन, हिंदू जागरण मंच के संगठन मंत्री गोपाल जी, महानगर संघचालक डॉक्टर विनीत कुमार, विपिन चौधरी, संदीप सिंघल, कमलकांत राय, महेश चंद्र, राहुल सिंह, डॉ. महेंद्र सिंह, विकास गोयल, अनिल रस्तोगी, संजीव चौधरी, दिनेन्द्र कुमार, सुभाष शर्मा, अरुण गौड़, नमन जैन, विवेक गुप्ता, अर्पित मिश्रा, आसाराम पालीवाल, उमेद राजपुरोहित, दामोदर दास चतुर्वेदी, सानू कुमार, पीयूष गोयल, रवि पांडे, स्पर्श गुप्ता, डॉ. सत्यवीर सिंह, अनिल कुमार रस्तोगी, संदीप गुप्ता, आदि अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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