Kundarki Assembly Results 2024: भाजपा की रणनीति, 60 फीसद मुस्लिम आबादी और नामुमकिन हुआ मुमकिन
Kundarki Assembly Results 2024: कुंदरकी विधानसभा सीट पर बीजेपी की बड़ी जीत के बाद सभी आश्चर्य महसूस कर रहे हैं। बसपा जो यहां पर पिछली बार तीसरे नंबर की पार्टी रही वह अब खिसक कर पांचवें नंबर पर चली गई।
Kundarki Assembly Results 2024 : उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हुए। लेकिन नतीजे समाजवादी पार्टी के लिए किसी बुरे सपने की तरह से कम नहीं हैं। समाजवादी पार्टी को केवल दो सीटों पर जीत मिली है जबकि 7 सीटों पर एनडीए गठबंधन को जीत मिली है। एनडीए गठबंधन में एक सीट पर आरएलडी और 6 सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की है।
62 फीसदी मुस्लिम आबादी में कैसे लगी सेंध?
राजनीति के जानकारों का मानना है कि हमेशा से ही भारतीय जनता पार्टी जब भी चुनावी रणनीति बनाती है तो वह बखूबी जानती है कि मुस्लिम मतदाता उसकी तरफ नहीं आएंगे कहा जाता है कि आम तौर पर मुस्लिम समाज समाजवादी पार्टी या कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक है। लेकिन कुंदरकी विधानसभा सीट के नतीजे ने चौंका दिया है। शायद ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी ने बंपर जीत हासिल की हो।
यहां 62 फीसदी मुस्लिम आबादी है और यहां से बीजेपी ने 1,44,791 वोटों से जीत हासिल की है। कुंदरकी में कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें से बीजेपी ने यहां से रामवीर सिंह को उम्मीदवार बनाया था। वहीं समाजवादी पार्टी ने कुंदरकी विधानसभा से मोहम्मद रिजवान को उतारा था। अहम बात यह है कि इस विधानसभा सीट के मुस्लिम बहुल बूथों पर भी बीजेपी की जीत हुई है। इसका मतलब स्पष्ट है कि मुसलमानों ने भी बीजेपी को वोट दिया है।
टोपी पहनकर प्रचार और 31 साल बाद रचा इतिहास
बताया जा रहा है कि इस सीट पर सीएम योगी आदित्यनाथ की सीधी नजर थी। तो वहीं बीजेपी के उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह का चुनाव प्रचार भी अनोखा था। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान सफेद टोपी पहनकर दौरे किए थे। मुसलमान के बीच में संदेश देने की कोशिश की कि वह उनके साथ है। भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ हो जब कोई उम्मीदवार सफेद टोपी क्योंकि आमतौर पर मुस्लिम समाज के लोग पहनते हैं उसको पहनकर प्रचार कर रहा हो क्योंकि जब भी किसी अन्य पार्टी के लोग सफेद टोपी पहनकर मुस्लिम समाज की किसी कार्यक्रम में शिरकत करते थे तो भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता उन पर गंभीर आरोप लगाया करते थे लेकिन कहा जा रहा है कि इस बार भाजपा की इस उम्मीदवार ने विपक्षी पार्टी के इस फार्मूले को इस्तेमाल कर लिया। पिछले 31 साल से बीजेपी कुंदरकी में चुनाव नहीं जीत पाई थी। रामवीर सिंह और बीजेपी के कार्यकर्ता हर एक मुस्लिम इलाके में गए और जगह-जगह लोगों से वोट देने की अपील की थी। खुद बीजेपी उम्मीदवार रामवीर ठाकुर ने एक बयान दिया था कि एक बार मुझे अपनाकर ढाई साल तक देख लो, अगर काम करूं, तो अगली बार जिता देना नहीं तो हरा देना।
बीजेपी की जीत पर आश्चर्य
कुंदरकी विधानसभा सीट पर बीजेपी की बड़ी जीत के बाद सभी आश्चर्य महसूस कर रहे हैं। बसपा जो यहां पर पिछली बार तीसरे नंबर की पार्टी रही वह अब खिसक कर पांचवें नंबर पर चली गई। वहीं इस बार आजाद समाज पार्टी (काशीराम) तीसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी। भारतीय जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी (काशीराम) के अलावा इंडिया गठबंधन और बसपा सहित 10 उम्मीदवार मुस्लिम थे।
यहां पर यदि सभी मुस्लिम उम्मीदवारों को मिले मत की बात करें तो उन्हें कुल 36944 मत मिले। जिनमें से अकेले 25580 मत समाजवादी पार्टी यानी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान को मिले। वही नोटा पर 581 मत डाले गए। यहां पर कुल 207896 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। जिनमें से 170371 मत भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में पड़े। जानकारों का कहना है बिना मुस्लिम मतदाताओं के भारतीय जनता पार्टी को इतने मत नहीं मिल सकते यानी यह स्पष्ट है कि यदि कोई गड़बड़ी नहीं है तो मुस्लिम मतदाताओं ने भारतीय जनता पार्टी को अपना मत दिया है।
यहां का जातीय समीकरण ऐसा है कि बीजेपी को यहां पर हमेशा मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। लेकिन इस बार जनता ने इसको नकार दिया है और बीजेपी को बड़ी जीत दी है।