गोरखपुर में 3 लाख लोगों ने डाउनलोड किया आरोग्य सेतु एप, जानिए कैसे करता है काम
गोरखपुर में अब तक 3 लाख से अधिक लोगों ने “आरोग्य सेतु एप” को डाउनलोड किया है। हालांकि इस एप द्वारा स्व-परीक्षण महज 11 हजार लोगों ने किया है।
गोरखपुर: कोरोना वायरस से लड़ने में भारत सबसे मजबूत देश बनकर सामने आ रहा है। कुछ दिन पहले ही भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने “आरोग्य सेतु एप” (Aarogya Setu App) लॉन्च किया है। जिसे कोरोना की इस जंग में केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें आरोग्य सेतु ऐप को कारगर हथियार माना जा रहा है।
गोरखपुर में अब तक 3 लाख ने किया एप को डाउनलोड
वहीं अब तक भारत में इसे करोड़ों की तादाद में लोगों ने डाउनलोड कर लिया है। वहीं गोरखपुर में भी लोग तेजी से इस एप को डाउनलोड कर रहे हैं। गोरखपुर के DM के. विजयेन्द्र पाण्डियन का कहना है कि गोरखपुर में अब तक 3 लाख से अधिक लोगों ने इस एप को डाउनलोड किया है। हालांकि इस एप द्वारा स्व-परीक्षण महज 11 हजार लोगों ने किया है।
बीमारी को फैलने से रोकने में मिलेगी मदद
जिले में सभी लोगों को इस एप के बारे में जागरुक किया जा रहा है। DM के. विजयेन्द्र पाण्डियन ने कहा कि हम इसी कोशिश में लगे हैं कि सभी लोगों के फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड हो जाए, ताकि आने वाले दिनों में लोगों को ट्रैक करने में आसानी हो सके। उन्होंने कहा कि इससे बीमारी को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।
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एप से क्या होगा फायदा?
एप कोरोना से आपको जोखिम का स्तर बताता है। यह ‘सेल्फ असेसमेंट टेस्ट’ में दिए गए लक्षणों, बीमारियों जैसी जानकारियों और आपकी लोकेशन के आधार पर बताता है कि आपको कोरोना का कितना जोखिम है।
यह बताता है कि क्या आपको टेस्ट की, डॉक्टर को दिखाने की या फोन पर परामर्श की जरूरत है। एप पर सभी प्रदेशों और सेंट्रल हेल्पलाइन नंबर की जानकारी है।
एप कैसे करता है काम?
यह आपकी लोकेशन और ब्लूटूथ का इस्तेमाल कर यह जांचता रहता है कि आपके आसपास कोई संक्रमित व्यक्ति या संभावित संक्रमित तो नहीं है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की आशंका के बारे में अलर्ट/नोटिफिकेशन भी देता है। इसके लिए आपको मोबाइल में बैकग्राउंड में एप हमेशा चालू रखना होगा, साथ ही ब्लूटूथ और लोकेशन भी ऑन रखनी होगी।
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क्या जान सकते हैं?
आप जो जानकारियां देंगे, उस आधार पर एप बताएगा कि क्या आपको कोरोना का जोखिम है। अगर है, तो क्या परीक्षण की जरूरत है या क्वारनाटाइन से काम चल जाएगा। अगर परीक्षण की जरूरत है, तो आप कहां परीक्षण करा सकते हैं, इसकी जानकारी भी मिलेगी। इस टेस्ट के आधार पर ही यूजर के लिए जोखिम का अंदाजा लगाया जाता है और बाकी यूजर्स को भी अलर्ट किया जाता है।
डेटा की सुरक्षा
एप की प्राइवेसी पॉलिसी में दावा है कि डेटा केवल भारत सरकार के साथ साझा होगा। आपके नाम या नंबर को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। निजी जानकारी को अलर्ट करने या अन्य जरूरी जानकारी देने के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा।
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