लखनऊः स्वास्थ राज्य मंत्री जब डफरिन हॉस्पिटल का निरीक्षण कर रहे थे, उसी समय अस्पताल के कर्मचारी एक प्रसूता को पीट रहे थे। हद तो तब हो गयी जब प्रसूता ने इसकी शिकायत मंत्री से की तो कर्मचारियों ने खुद अपने ही कपडे फाड़ कर उल्टा आरोप प्रसूता पर ही लगा दिया।
इस प्रसूता का बीते दिन अस्पताल के शौचालय में ही प्रसव हो गया था, जिसमें उसके बच्चे की मौत हो गई। इसके बावजूद भी अस्पताल प्रशासन का दिल नहीं पसीजा। प्रसूता बार-बार इलाज की गुहार लगाती रही लेकिन कर्मचारी उसे अनसुना कर वसूली में व्यस्त थे। थक हार कर प्रसूता ने अपनी जान बचाने के लिए अस्पताल से डिस्चार्ज होना चाहा तब भी उसे जबरन रोका गया।
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खफा कर्मचारियों ने पीटा
प्रसूता की मां ने कहा कि हमने डफरिन में हो रही गड़बड़ी के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी, जिससे यहां के कर्मचारी प्रसूता और उसकी मां से नाराज हो गए। जब वो अकेले थी तभी कुछ महिला कर्मचारियों ने आकर दोनों की पिटाई कर दी।
क्या था पूरा मामला?
-सआदतगंज की एक गर्भवती ने 16 अप्रैल को डफरिन अस्पताल के शौचालय में एक बच्चे को जन्म दिया।
-बच्चा 7 महीने का था समय से पहले जन्म होने के कारण बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई।
-प्रसूता और उसके तीमारदारों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया की तेज दर्द के बाद भी कोई डॉक्टर या नर्स प्रसूता को देखने नहीं आए।
-उन्होंने यहां के गार्ड्स और कर्मचारियों के ऊपर भी वसूली के आरोप लगाए।
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-आनन फानन में अस्पताल के गार्ड अश्वनी को नौकरी से निकाल दिया गया।
-प्रसूता और उसकी मां से नाराज कर्मचारियों ने दोनों की पिटाई कर दी।
-डीजी परिवार कल्याण प्रमुख सचिव, सीएमओ, स्वास्थ्य राज्य मंत्री और मदर चाइल्ड हेल्थ केयर की डायरेक्टर जांच के लिए डफरिन पहुंचे और सबके बयान दर्ज किए।
नहीं कर रहे थे डिस्चार्ज
-प्रसूता की मां ने कहा कि उनकी बेटी को अस्पताल प्रशासन डिस्चार्ज नहीं कर रहा था।
-उन्हें डर था की कहीं उनकी बेटी को और ना मारा जाए, इसी डर से वह यहां से जल्दी जाना चाहती थीं।
-अस्पताल के कर्मचारी उनकी एक भी बात नहीं सुन रहे थे।
-काफी दबाव के बाद प्रसूता को डिस्चार्ज किया गया।