मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: देश में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर बढ़े जुर्माने की चर्चा है। सख्त कानून और तगड़े जुर्माने पर शोर मचाने वाले वो लोग हैं जिन्होंने नया एक्ट पढ़ा ही नहीं है। अगर आपके पास सब कागजात हैं तो सात दिन में इन्हें दिखा कर आप भारी भरकम जुर्माने से निजात पा सकते हैं। इस एक्ट में खराब सड़क बनाने वाले, वाहन निर्माता कंपनियों की खामियों पर भी जुर्माने का प्रावधान है। सड़क हादसे में घायल लोगों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था है। फिर सवाल ये उठता है कि जनता और राज्य सरकारों ने हंगामा है क्यों बरपा? हमारे देश में २०१८ में करीब ४ लाख ६१ हजार सड़क हादसे हुए जिसमें डेढ़ लाख लोगों की जान चली गई। सबसे ज्यादा मौतें यूपी में हुईं। इन हालातों का सबसे बड़ा कारण सड़क के नियमों का पालन न करना है।
चार साल तक विचार विमर्श के बाद मोटर व्हीकल एक्ट नए अवतार में आया है। इरादा है कि सडक़ हादसे किसी तरह कम किए जाएं, सडक़ों पर अनुशासन लागू किया जाए लेकिन राज्य साथ नहीं दे रहे हैं। सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्वयं इस एक्ट के लिए बहुत मेहनत की है। ताजा हालत पर गडकरी कहते हैं कि राज्य जुर्माने की राशि घटा तो सकते हैं लेकिन उन्हें ‘परिणाम भुगतने होंगे।’
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नितिन गडकरी ने कहा है कि ये विषय (परिवहन) संविधान की समवर्ती सूची का है। राज्य चाहें तो जुर्माने की रकम घटा सकते हैं लेकिन उन्हें इसके नतीजे झेलने होंगे क्योंकि जानें बचाना केंद्र के साथ राज्यों की भी जिम्मेदारी है। सरकार का इरादा जुर्माने से कमाई करने का नहीं बल्कि जानें बचाने का है।
मोटर व्हीकल एक्ट २०१९ में हेल्मेट, सीट बेल्ट, आदि तमाम चीजों के बारे में नियम न मानने पर तगड़ा जुर्माना लगाने की व्यवस्था है। लेकिन कई प्रावधान ऐसे भी हैं जिनके बारे में अभी बहुत प्रचार नहीं किया गया है। लोग घटिया सडक़ों की बात कर रहे हैं सो ये जान लीजिए कि संशोधित कानून में खराब डिजाइन की या घटिया निर्माण वाली सड़क बनाने या फिर सडक़ बना कर उसका मेंटेनेंस न करने पर ठेकेदार या एजेंसी पर एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। यही नहीं, अगर सड़क निर्माण केंद्र सरकार के निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं किया गया तब भी जुर्माना लगाया जाएगा। ठेकेदार या निर्माण एजेंसी को हर हाल में सडक़ डिजाइन, निर्माण और मेंटेनेंस के मानकों का पालना करना अनिवार्य बना दिया गया है। अगर सडक़ के गलत डिजाइन, उसके निर्माण और उसके रखरखाव में कमी की वजह से किसी की मौत होती है, तो इसकी जिम्मेदारी ठेकेदार, कंसल्टेंट और सिविल एजेंसी पर होगी।
सड़क अनुशासन पर परेशान होने वालों के लिए ये भी जानना जरूरी है कि संशोधित कानून के तहत हर साल सभी तरह के जुर्माने की रकम दस फीसदी की दर से बढ़ती जाएगी। यानी जो जुर्माना आज १ हजार रुपए का है वह १ अप्रैल २०२० से ११०० रुपए हो जाएगा। इसके अलावा राज्यों को अधिकार है कि वह जुर्माने में दस गुने तक की बढ़ोतरी करें।
सड़क पर मची चिल्ल-पों न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण बढ़ाता है बल्कि लोगों को मानसिक तौर पर बेहद परेशान भी करता है। इसे ध्यान में रखते हुए कानून में व्यवस्था की गई है कि हार्न को लगातार बेवजह बजाने, नो हार्न जोन में हार्न बजाने पर दो हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
कार में बच्चे के लिए सीट बेल्ट या चाइल्ड सेफ्टी सिस्टम न होने पर एक हजार रुपए का जुर्माना रखा गया है। यही नहीं, किसी दुपहिया वाहन पर ड्राइवर व सवारी (चार साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति) के लिए हेल्मेट पहनना जरूरी है।
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ट्रैफिक कानूनों का उल्लंघन पकडऩे और रोड सेफ्टी के लिए सरकार इलेक्ट्रानिक मॉनीटरिंग सिस्टम, स्पीड कैमरा, सीसीटीवी कैमरे, स्पीड गन, बॉडी कैमरे की व्यवस्था लागू करगी। मकसद है कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में भ्रष्टïचार पर काबू पाया जा सके। जब पुलिस आदि का रोल न्यूनतम होगा तो ले-दे कर छूटने का जुगाड़ स्वत: खत्म हो जाएगा। किसी हादसे में घायल व्यक्ति के इलाज के लिए पहला एक घंटा बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस ‘गोल्डेन आवर’ के दौरान घायल व्यक्ति के लिए सरकार कैशलेस इलाज की स्कीम लाएगी।
7 दिन में दिखाएं कागज
चेकिंग के दौरान पुलिस आपसे इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन, प्रदूषण कंट्रोल, ड्राइविंग लाइसेंस मांगे तो आपके ये दिखाना होगा। अगर आपके पास दस्तावेज नहीं हैं तो घबराएं नहीं, आप ७ दिन के भीतर ये कागज संबंधित पुलिस स्टेशन या पुलिस अधिकारी के सामने पेश कर सकते हैं।
मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट
अगर गाड़ी के कल-पुर्जे की क्वालिटी में कमी होने की वजह से दुर्घटना होती है, तो सरकार के पास उन सभी गाडिय़ों को बाजार से वापस लेने का अधिकार होगा और इसके अलावा गाड़ी बनाने वाली कंपनी पर अधिकतम 500 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
सख्ती जरूरी
- वर्ष 2012 से अब तक यमुना एक्सप्रेसवे पर पांच हजार से ज्यादा हादसों में 750 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
- सड़क दुर्घटनाओं की वजह से देश को सालाना करीब पांच लाख करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होता है, जो भारत के जीडीपी का लगभग तीन प्रतिशत है।
- वर्ष 2016 में रान्ग साइड ड्राइविंग की वजह से 17 हजार से अधिक सडक़ दुर्घटनाएं हुईं, जिसमे करीब 7 हजार लोग मारे गए।
- यातायात सिग्नल तोडऩे के कारण 8 हजार से ज्यादा सडक़ दुर्धटनायें हुई और 2 हजार 795 लोग मारे गये।
- वर्ष 2016 में देश भर में हुए सडक़ हादसों में सबसे अधिक मौतें, युवाओं की हुईं। इनमे से करीब 46 प्रतिशत 18 से 35 साल के थे।
- वर्ष 2016 में भारत में 60 हजार 986 ट्रक एक्सीडेन्ट हुए, जिसमें करीब 16 हजार मौतें हुईं।
- वर्ष 2017 में 12 प्रतिशत ऐसे वाहन थे, जिनसे ओवर लोडिंग हो रही थी। इसी तरह वर्ष 2017 में पूरे देश में करीब 1 लाख 48 हजार लोगों की मौत सडक़ हादसों में हुई।
- भारत की सडक़ों पर रोज करीब 1300 हादसे होते हैं और हर रोज इन हादसों में 400 से ज्यादा लोगों की मौत होती है। यानी हर घंटे करीब 17 लोगों की मौत भारत की सडक़ों पर हो रही है।
विदेशों में हैं और भी कड़े नियम
यूएई में आगे और पीछे बैठने वाले सभी लोगों को सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है। इस नियम का उल्लंघन करने वालों को साढ़े 7 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ता है। रैश ड्राइविंग करने वालों पर 37 हजार रुपये से अधिक का जुर्माना लगता है और गाड़ी को 60 दिनों के लिए जब्त कर लिया जाता है। दूसरों की जान खतरे में डालने वालों के लिए भी इसी जुर्माने का प्रावधान है तो ट्रैफिक सिग्नल्स का उल्लंघन करने पर साढ़े 18 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ता है।
- सिंगापुर की संसद में इसी साल एक नया बिल लाया गया है, जिसमें बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ 10 लाख रुपये के जुर्माने और तीन साल जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।
- जर्मनी में 2 से 3 बार यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और इसे वापस पाने के लिये ड्राइवर को फिर से परीक्षा देनी होती है।
- ऑस्ट्रेलिया में किसी भी ट्रक ड्राइवर के लिए पांच घंटे की ड्राइविंग के बाद 15 मिनट का आराम जरूरी है और पूरे हफ्ते में कम से कम एक बार ड्राइवर को पूरे 24 घंटों के लिए अपने ट्रक से दूर रहना होता है।
- यूरोपियन यूनियन के देशों में एक दिन में सिर्फ 9 घंटे ट्रक चलाने की इजाजत दी जाती है और इसका उल्लंघन ना हो इसके लिए डिजीटल मानीटरिंग भी होती है। इसी तरह कनाडा किसी भी ट्रक ड्राइवर को 13 घंटे से ज्यादा ट्रक चलाने की इजाजत नहीं दी जाती है।
जान लें इन नियमों को भी
- शराब पी कर गाड़ी चलाने पर 10000 रुपये का जुर्माना तथा शरीर में शराब या ड्रग्स की मात्रा 100 मिली में 30 मिग्रा होने पर गाड़ी भी जब्त की जा सकती है।
- वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल करने पर 5000 रुपये का जुर्माना तथा तीन माह के लिए ड्राइविंग लाइसेंस जब्त हो जायेगा और व्यक्ति को गाड़ी नहीं चलाने दी जायेगी। उसे अपने परिवार या किसी मित्र को बुलाना पड़ेगा वाहन चलाने के लिए।
- नये वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट न होने पर 2000 रुपये का जुर्माना और मुकदमा भी चलेगा।
- ड्राइविंग के दौरान सेल्फी 2000 रुपये का जुर्माना
- निजी वाहनों का व्यवसायिक उपयोग 2000 रुपये का जुर्माना
- वाहन में आगे या पीछे बम्पर गार्ड लगाने पर 1000 रुपये का जुर्माना
- विपरीत दिशा में वाहन चलाने पर 500 रुपये का जुर्माना
- क्षतिग्रस्त नम्बर प्लेट और फैंसी नम्बर प्लेट 500 रुपये का जुर्माना
- सूर्यास्त के बाद हेडलाइट नहीं जलने पर 500 रुपये का जुर्माना
- रात में हाई बीम पर हेडलाइट जलाने पर 500 रुपये का जुर्माना
- रेड सिग्नल में जेब्रा क्रासिंग पर या उससे आगे खड़े होने पर 500 रुपये का जुर्माना
- यातायात में बाधित करती या गलत पार्किंग पर 500 रुपये का जुर्माना
राज्यों का रवैया
उत्तराखंड : जुर्माना घटाया
भाजपा शासित उत्तराखंड सरकार ने ११ सितम्बर को फैसला किया कि मोटर व्हीकल संशोधित एक्ट राज्य में लागू किया जाएगा लेकिन जुर्माने की राशि घटा दी जाएगी। राज्य कैबिनेट ने तय किया है कि किसी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा वाहन चलाने की दशा में २५०० रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। एक्ट में ५ हजार रुपए के जुर्माने की बात है। इसी तरह बिना लाइसेंस या किसी नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाने पर जुर्माना ५ हजार की बजाए २५०० रुपए ही होगा। ऐसा व्यक्ति जिसे ड्राइविंग लाइसेंस देने से इनकार किया गया है अगर वह गाड़ी चलाते पाया गया तो १० हजार की बजाए ५ हजार का जुर्माना होगा। गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करने पर पहली बार जुर्माना १ हजार रुपए होगा। जबकि एक्ट में ५ हजार रुपए का जुर्माना रखा गया है। वायु या ध्वनि प्रदूषण के मामले में पहले उल्लंघन पर २५०० रुपए तथा दूसरे उल्लंघन पर ५ हजार रुपए का जुर्माना होगा। एक्ट में इसके लिए १० हजार रुपए का जुर्माना है। फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस जैसे इमरजेंसी वाहनों को रास्ता न देने पर ५ हजार रुपए का जुर्माना होगा जबकि एक्ट में ये दस हजार है। वाहन में चाइल्ड सेफ्टी सिस्टम न होने पर एक हजार रुपए की बजाए २०० रुपए का जुर्माना होगा।
कर्नाटक : एक्ट लागू, जुर्माना घटेगा
भाजपा शासित कर्नाटक में नया एक्ट ३ सितम्बर से लागू तो कर दिया गया है लेकिन राज्य सरकार पेनाल्टी घटाने के लिए केंद्र से इजाजत मांगेगी। परिवहन मंत्री लक्ष्मण सवादि ने कहा है कि राज्य गुजरात से नए जुर्मानों पर रिपोर्ट मांगेगी। ये कोशिश की जाएगी कि नए जुर्माने आम जनता की हितों के विपरीत न हों।
गुजरात : जुर्माना घटाया
गुजरात की भाजपा शासित विजय रूपाणी सरकार ने एक्ट के १५ प्रवधानों में जुर्माने की राशि घटा दी है। अधिकांश मामलों में जुर्माना ५० फीसदी घटा दिया है जबकि कुछ में तो ७० फीसदी की कटौती कर दी गई है। रूपाणी ने कहा है कि सरकार का इरादा तगड़ा जुर्माना लगा कर लोगों को परेशान करने का कतई नहीं है।
महाराष्ट्र : एक्ट लागू नहीं
महाराष्ट्र की भाजपा शासित देवेन्द्र फणनवीस सरकार ने अभी तक नया एक्ट लागू नहीं किया है। पिछले हफ्ते परिवहन मंत्री दिवाकर राउते ने कहा था कि उनके विभाग ने प्रशासनिक निर्णय तो ले लिया है लेकिन अभी कानून व न्याय विभाग की सलाह का इंतजार किया जा रहा है।
ओडीशा : 3 महीने की रोक
नवीन पटनायक की सरकार ने नया एक्ट लागू करने में तीन महीने की रोक लगा दी है। भुवनेश्वर में कई जगह जनता और पुलिस में तकरार की घटनाओं के बाद ये फैसला किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन महीने तक जनता की काउंसलिंग करने के साथ जागरूकता फैलाई जाए। परिवहन विभाग से कहा गया है कि वह सार्वजनिक सेवाएं मजबूत करे, अतिरिक्त काउंटर खोले, सार्वजनिक संस्थानों में कैम्प लगाए।
मध्य प्रदेश : एक्ट लागू नहीं
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने संशोधित एक्ट फिलहाल लागू नहीं किया है। सरकार का कहना है कि कानून तोडऩे पर जुर्माने की रकम बहुत ज्यादा रखी गई है। राज्य के कानून मंत्री पी.सी. शर्मा के अनुसार अन्य राज्यों में एक्ट के क्रियान्वयन का अध्ययन किया जाएगा साथ ही जुर्माने की रकम में कमी जाएगी।
छत्तीसगढ़ : एक्ट लागू नहीं
राज्य की कांग्रेसी सरकार ने भी नया एक्ट लागू न करने का फैसला किया है। गूह मंत्री टी. साहू का कहना है कि राज्य सरकार ये पता कर रही है कि उसे एक्ट में संशोधन का अधिकार है या नहीं।
पंजाब : एक्ट लागू नहीं
कांग्रेस की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने भी राज्य में संशोधित एक्ट लागू नहीं किया है। परिवहन मंत्री रजिया सुलताना ने कहा है कि फिलहाल राज्य में संशोधित एक्ट के प्रावधान लागू नहीं होंगे। जब तक संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने के बारे में निर्णय नहीं लिया जाता तब तक ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर पुराने जुर्माने ही लिए जाएंगे। रजिया का कहना है कि परिवहन राज्यों का मामला है और पंजाब सरकार संशोधित एक्ट के कुछ प्रावधान लागू करने में अपने विवेक का इस्तेमाल करेगी।
हरियाणा : एक्ट लागू
भाजपा शासित सरकार ने ट्रैफिक जुर्माने में किसी काट-छांट के बगैर राज्य में संशोधित एक्ट लागू कर दिया है। सीएम मनोहर लाल खट्टïर ने कहा है कि सरकार संशोधित एक्ट के बारे में पहले जागरूकता अभियान चलायेगी।
बिहार : एक्ट लागू
नीतीश सरकार ने राज्य में संशोधित एक्ट पूरी तरह लागू कर दिया है। पहली सितम्बर को ही सरकार ने एक आदेश जारी किया कि केंद्र द्वारा निर्धारित जुर्माना राज्य में लागू किया जाएगा। परिवहन मंत्रालय ने राज्य व जिले के सभी अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे संशोधित एक्ट के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करें।
यूपी : जुर्माना कम करने का इरादा
उत्तर प्रदेश में जुर्माने की राशि कम करने पर विचार हो रहा है। इसके लिए सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने कहा है कि शमन शुल्क की दरों पर सरकार विचार कर रही है। अगर किसी का चालान होता है और वह भुगतान करना चाहता है तो उससे पुरानी दरों पर ही शमन शुल्क लिया जायेगा। लेकिन अगर वह कोर्ट में जाना चाहता है तो उससे नई दरों पर शमन शुल्क लिया जाएा। यूपी में जून माह में सरकार ने कुछ यातायात नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना बढ़ा दिया था। इसमें बिना हेलमेट, बिना नंबर प्लेट, बिना ड्राइविंग लाइसेंस और बिना सीट बेल्ट पहने वाहन चलाने जैसे नियम शामिल थे।
असम : एक्ट लागू होगा
असम की भाजपा सरकार ने तय किया है कि राज्य में एक्ट लागू किया जाएगा। राज्य सरकार का कहना है कि एक्ट को ज्यों का त्यों लागू किया जाएगा। अभी बस गृह मंत्रालय की सलाह का इंतजार किया जा रहा है कि किस स्तर के अधिकारी को जुर्माना लगाने का अधिकार दिया जाए।
केरल : एक्ट लागू, कार्रवाई रोकी
केरल ने शुरू में एक्ट तो लागू कर दिया और तीन दिन तक बढ़े हुए जुर्माने भी लगाए गए लेकिन जनता और ट्रेड यूनियनों के विरोध के कारण बढ़ा हुआ जुर्माना लगाना रोक दिया गया है।
पश्चिम बंगाल : एक्ट लागू नहीं
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि राज्य में संशोधित एक्ट लागू नहीं किया जाएगा। क्योंकि नए कानून से जनता पर बोझ पड़ता है। अत: राज्य सरकार पश्चिम बंगाल मोटर व्हीकल नियम १९८९ का ही पालन करती रहेगी।
राजस्थान : आंशिक रूप से लागू
कांग्रेस शासित राजस्थान में संशोधित एक्ट लागू तो किया गया है लेकिन आंशिक रूप से ही। ३ सितम्बर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की थी कि व्यवहारिक कारणों से एक्ट के १७ प्रावधानों को फिलहाल ठंडे बस्ते में रखा जाएगा ताकि लोग ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए खुद ही मोटीवेट हों। एक्ट के तहत १६ गंभीर उल्लंघनों पर जुर्माना नए हिसाब से ही ऊंचा रखा जाएगा।
त्रिपुरा : एक्ट लागू किया जाएगा
राज्य की भाजपा सरकार ने तय किया है कि एक्ट को ज्यों का त्यों लागू किया जाएगा। सरकार का मानना है कि एक्ट में कोई नकारात्मक पहलू नहीं है और इसके सभी प्रावधान बढिय़ा हैं। फिलहाल राज्य में जागरूकता अभियान शुरू किया गया है।