Mukhtar Ansari: बाहुबली मुख्तार की जेल में फिर शुरू हुई सेवा, पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, एक निलंबित
Mukhtar Ansari: अप्रैल माह के शुरुआत में आयुक्त आरपी सिंह, डीआईजी डॉ विपिन कुमार मिश्र और डीएम दीपारंजन ने बांदा मंडल कारागार का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान तत्कालीन जेल सीनियर सुपरिटेंडेंट अविनाश कुमार गौतम की भूमिका मुख्तार को लेकर संदिग्ध मिली थी।
Mukhtar Ansari: पूर्वांचल माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की खातिरदारी में इस साल दूसरा निलंबन हुआ। अबकी गाज बांदा मंडल कारागार से ट्रांसफर हो चुके जेलर वीरेंद्र कुमार पर गिरी। इससे पहले जेल सीनियर सुपरिटेंडेंट को निलंबित किया गया था।
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अप्रैल माह के शुरुआत में आयुक्त आरपी सिंह, डीआईजी डॉ विपिन कुमार मिश्र और डीएम दीपारंजन ने बांदा मंडल कारागार का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान तत्कालीन जेल सीनियर सुपरिटेंडेंट अविनाश कुमार गौतम की भूमिका मुख्तार को लेकर संदिग्ध मिली थी। मुख्तार की खातिरदारी की बात सामने आई थी। मामले में आलाधिकारियों ने रिपोर्ट शासन को भेजी थी, जिसपर अविनाश कुमार गौतम को चार अप्रैल को निलंबित कर दिया गया था। वहीं, जेलर वीरेंद्र कुमार की संलिप्तता की जांच चल रही थी। 27 अप्रैल को बांदा मंडल कारगार से दो माह के लिए फतेहपुर सेंट्रल जेल भेजा गया था। इसके बाद वहां से वीरेंद्र कुमार का ट्रांसफर सुल्तानपुर कारागार कर दिया गया। जांच में जेलर वीरेंद्र कुमार भी मुख्तार को खातिरदारी में संलिप्त पाए गए हैं। इस पर उनको निलंबित कर दिया गया।
....तो वीरेश्वर प्रताप के आरोप थे सही
बीते वर्ष जून माह के शुरुआती हफ्ते में तत्कालीन डीएम अनुराग पटेल और एसपी अभिनंदन ने बांदा मंडल कारागार का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान मुख्तार की तन्हाई बैरक में कीवी खजूर और आम मिले थे। पूछताछ में तत्कालीन डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह ने बताया कि यह सुविधा मुख्तार को प्रभारी जेलर वीरेंद्र कुमार के निर्देश पर दी जा रही है। जबकि वह अवकाश पर गए थे। उनकी जगह चार्ज चित्रकूट जेल के डिप्टी जेलर संतोष कुमार को मिला था। अधिकारियों के निरीक्षण के वक्त संतोष कुमार शहर के एक होटल में रुके थे।
अधिकारियों के निरीक्षण की जानकारी पर कारागार पहुंचे थे। डीएम और एसपी की जांच रिपोर्ट पर उस वक्त शासन ने तत्कालीन डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह और चार बंदी रक्षकों को निलंबित किया गया था। शासन और जेल आलाधिकारियों की वीरेश्वर प्रताप सिंह के बयान के बाद से वीरेंद्र कुमार पर नजर थी। अविनाश कुमार गौतम के निलंबन के बाद जांच को आगे बढ़ाया गया। जांच में वीरेंद्र कुमार की भूमिका भी मुख्तार की खातिरदारी में सामने आई, जिसके बाद उन पर कार्यवाही की गाज गिरी।
मेडिकल लीव लगाई और दोबारा नहीं लौटे
17 मई 2021 को उन्नाव कारागार में तैनात सीनियर सुपरिटेंडेंट अरुण कुमार सिंह को बांदा जेल भेजा गया था। वह चार माह 29 दिन रहे। 17 अक्तूबर को वह मेडिकल लीव पर चले गए और नहीं लौटे। 11 नवंबर को उन्हें लखनऊ स्थित संपूर्णानंद कारागार से अटैच किया गया था।
सस्पेंड हो गए, पर नहीं आए
11 नवंबर 2021 को बरेली कारागार के सुपरिटेंडेंट विजय विक्रम सिंह की पोस्टिंग बांदा के लिए की गई, पर उन्होंने ज्वाइन नहीं किया । गृह विभाग ने उनको 29 नवंबर को सस्पेंड करने के साथ संपूर्णानंद कारागार से संबद्ध कर दिया गया था।
छोटी कुर्सी कबूल पर बांदा नहीं
30 जून 2022 को लखीमपुर खीरी कारागार के सीनियर सुपरिटेंडेंट पवन प्रताप की पोस्टिंग के आदेश हुए। उन्होंने बांदा कारागार का चार्ज लेने के बजाए ट्रांसफर बाराबंकी कारागार करा लिया। बाराबंकी में सुपरिटेंडेंट का पद है।
इन पर भी हो चुकी कार्रवाई
मुख्तार को प्रोटक्शन वारंट पर पंजाब भेजने के मामले में वर्ष 2017 में तत्कालीन जेलर रंजीत सिंह, डिप्टी जेलर ताड़केश्वर प्रताप सिंह पर गाज गिरी थी। साथ ही कई कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी हुई थी।