UP News: मुख्तार के बेटे की पिता को यूपी से बाहर भेजने की गुहार, SC की टिप्पणी-जब अपने ही गार्डों ने PM को मार डाला तो सुरक्षा की क्या गारंटी

UP News: उमर अंसारी की ओर से शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में कहा गया है कि उसके पिता की जान को उत्तर प्रदेश की जेल में बड़ा खतरा बना हुआ है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-12-14 07:06 GMT

Mukhtar ansari son umar ansari   (PHOTO: Social media )

UP News: बांदा जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी देकर अपने पिता को बांदा जेल से दूसरे किसी दूसरे राज्य की जेल में भेजने की गुहार लगाई है। उमर अंसारी की ओर से शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में कहा गया है कि उसके पिता की जान को उत्तर प्रदेश की जेल में बड़ा खतरा बना हुआ है। इस कारण मुख्तार को किसी दूसरे राज्य के कारागार में भेजा जाना चाहिए।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जब एक बार देश में सुरक्षा गार्ड ही प्रधानमंत्री की जान ले चुके हैं तो ऐसी स्थिति में सुरक्षा की क्या गारंटी हो सकती है।

यूपी की जेल में मुख्तार की जान को खतरा

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को याचिका में संशोधन करके उसे दोबारा दाखिल करने का निर्देश भी दिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होने वाली है। उमर अंसारी की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पैरवी की। सिब्बल ने अपनी दलीलों के जरिए यह बात पुष्ट करने की कोशिश की कि उत्तर प्रदेश की जेलों में हमेशा जान का खतरा बना रहता है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जेलों में यूपी टास्क फोर्स की ओर से गंभीर अपराधों में बंद आठ आरोपी मारे जा चुके हैं। अब मुख्तार अंसारी और उसके भाई समेत सिर्फ तीन आरोपी ही बचे हुए हैं। ऐसी स्थिति में अदालत से हमारा अनुरोध है कि उन्हें समुचित सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए।

बांदा जेल में बंद है मुख्तार अंसारी

शीर्ष अदालत में अपनी दलील पेश करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि मुख्तार अंसारी को मूल रूप से पंजाब में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में मुख्तार को उत्तर प्रदेश लाया गया और यहां पर उसे बांदा जेल में रखा गया है। बांदा जेल में मुख्तार की जान को हमेशा खतरा बना हुआ है।

सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि इस अर्जी के दाखिल होने के बाद भी न्यायिक हिरासत में एक कैदी की हत्या की जा चुकी है। सिब्बल की ओर से यह बात कहे जाने पर जस्टिस हृषिकेश रॉय ने कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के संबंध में पहले ही आदेश जारी किया जा चुका है।

सुप्रीम कोर्ट ने किया पीएम की हत्या का जिक्र

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अहम टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि हमें यह बात मालूम है कि किसी को भी पूर्ण सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा सकती। इस देश में तो एक मामला ऐसा भी है जब प्रधानमंत्री खुद अपनी सुरक्षा नहीं सुनिश्चित कर सकीं। उनके सुरक्षा गार्डों ने ही उनकी हत्या कर डाली।

उमर अंसारी के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से अनुरोध किया कि मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से निकालकर किसी दूसरे राज्य की जेल में भेजा जाए। सुप्रीम कोर्ट ही इस बात का फैसला कर दे कि मुख्तार को किस राज्य और किस जेल में भेजा जाना है।

संशोधित याचिका दाखिल करने का निर्देश

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ही इस मामले में दलील देते हुए एएसजी ने कहा कि इस याचिका में अनुमान और आशंका के आधार पर दलील पेश की जा रही है। सच्चाई तो यह है कि इसी याचिका पर सुनवाई ही नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी एसजी की दलीलों से सहमति जताते हुए कहा कि इस याचिका में लिखित रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है। सिर्फ मौखिक रूप से मुख्तार को उत्तर प्रदेश से बाहर भेजने की बात कही गई है।

इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता के पिता पीड़ित हैं और इस गंभीर मामले में इसी महीने कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मुख्तार के बेटे को संशोधित याचिका दाखिल करने के निर्देश के साथ ही सुनवाई के लिए 15 दिसंबर की तारीख तय की है।

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