Mulayam Singh Yadav Death Anniversary Live: 'नेताजी' को नमन, अखिलेश यादव ने समाधि स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित किए
Mulayam Singh Yadav Death Anniversary Live Updates: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पहली पुण्यतिथि आज पूरे प्रदेश भर में मनाई जा रही है। पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया है कि 'नेताजी' की याद में संगोष्ठी आयोजित कर उनके मानने वालों को बुलाया जाए।
Mulayam Singh Yadav Death Anniversary Live Updates: समाजवाद के 'प्रतीक' माने जाने मुलायम सिंह यादव की आज (10 अक्टूबर) पहली पुण्यतिथि है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव को उनके चाहने वाले और समर्थक श्रद्धांजलि दे रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने 'नेताजी' की पहली पुण्यतिथि पर कई कार्यक्रम आयोजित किए। मुलायम सिंह के पैतृक गांव सैफई में भारी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि दी। यहां आयोजित कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई दिग्गज पार्टी नेता मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश में आज समाजवादी पार्टी के समर्थक-कार्यकर्ता अपने प्रिय नेता को याद कर रहे हैं। सपा द्वारा कहीं रक्तदान शिविर लगाए गए हैं तो अस्पतालों को उपकरण दिए जाने का ऐलान भी हुआ है। गरीबों के बीच फल और खाने-पीने की सामग्री भी बांटी जाएगी। अखिलेश यादव सोमवार को ही सैफई पहुंच गए। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की प्रथम पुण्यतिथि पर मुख्य कार्यक्रम वहीं आयोजित होगा। श्रद्धांजलि सभा में सपा भविष्य के लिए 'राजनीतिक संकल्प' भी लेगी। साथ ही, पूरे प्रदेश में मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav News) को श्रद्धांजलि देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में उन्हें याद किया जाएगा।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने कुछ पंक्तियों के लिखकर नेताजी को याद किया।
सपा KGMU को दान करेगी स्ट्रेचर
विधान भवन में समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय की अगुवाई में श्रद्धांजलि सभा होगी। राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी (SP National Secretary Rajendra Chaudhary) मंगलवार दोपहर KGMU जाकर स्ट्रेचर दान करेंगे। राजेंद्र चौधरी ने मीडिया को बताया कि, 'सभी जिला और महानगर कमेटियों को इस संबंध में जरूरी निर्देश भेज दिए गए हैं। स्व. मुलायम सिंह यादव का पूरा जीवन गरीबों के लिए समर्पित रहा। इसलिए उनके बीच में ही रहकर श्रद्धांजलि कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया।'