लखनऊ: सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की पीएम न बन पाने की टीस एक बार फिर उठी। मुलायम ने कहा कि केवल किताबी पढ़ाई से हीं काम नहीं चलने वाला। शिक्षक वही बेहतर जो बच्चों को समाज के लिये तैयार करे। मैं भी शिक्षक था, रक्षा मंत्री बना। दूसरा पद (प्रधानमंत्री) मिलते-मिलते रह गया। अच्छा हुआ मैं प्रधानमंत्री नहीं बना। अगर कम उम्र में प्रधानमंत्री बन जाता तो आज केवल एसपीजी लेकर भूतपूर्व प्रधानमंत्री बनकर घूमता रहता। अब दोबारा उम्मीद भी नहीं कि बन ही जाएं।
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यूपी ने की तरक्की
-मुलायम ने कहा कि वही समाज और देश प्रगति करता है जो शिक्षित और स्वस्थ हो।
-स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में यूपी बहुत पीछे था।
-जब मैं पहली बार सीएम बना तो 07 मेडिकल कॉलेज थे।
-आज 22 हो चुके हैं जल्द ही 24 होंगे।
चीन किसी का सगा नहीं
-मुलायम सिंह ने कहा कि मेरे रक्षा मंत्री रहने पर किसी की हिम्मत नहीं थी कि कोई हमारी सीमा में घुसे।
-चीन ने सभी देशों के लिए समस्या पैदा की, वह कभी भी किसी का नहीं हो सकता।
अपर्णा यादव और प्रतीक यादव
सदमे से हुई थी नेहरू और शास्त्री की मौत
-मुलायम सिंह ने कहा कि नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री दोनों को कोई बीमारी नहीं थी।
-जब चीन ने भारत पर हमला करके एक लाख वर्ग फुट जमीन पर कब्जा कर लिया था तब लोहिया जी ने लोकसभा में एक भाषण दिया था।
-जिससे नेहरू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर सहमति बनी, इससे नेहरू को सदमा लगा और उनकी मौत हो गई।
-इसी तरह जब हमारी फौजें लाहौर तक पहुंच गई थीं और लाल बहादुर शास्त्री ने इस पर समझौता कर लिया था।
-इसमें हमारे जवान शहीद हुए थे। जनता आक्रोशित थी।
-देश में आने से पहले उन्होंने फोन करके पूछा कि क्या रिएक्शन है तो बताया गया कि आपको काले झंडे दिखाए जाएंगे।
-इस बात से उनको सदमा लगा। जिससे उनकी मौत हो गई।
पूर्व पीएम ने जहाज खरीद के लिए थे 500 करोड़ रूपए कमीशन
-मुलायम सिंह नें कहा कि मेरे रक्षा मंत्री रहते मैंने 40 लड़ाकू विमान खरीदे।
-मुझे कहा गया कि ये विमान मत खरीदो इसमें प्रधानमंत्री ने 500 करोड़ रुपए कमीशन लिया है।
-मैंने कहा कि देश की रक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करूंगा, बाद में अटल जी ने तारीफ की।
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मेरा बेटा पढ़ता नहीं था
-मुलायम ने कहा कि उनके छोटे बेटे प्रतीक यादव का पढ़ाई में मन नहीं लगता था।
-प्रतीक को लेकर वह अक्सर परेशान रहते थे, उन्होंने सीएमएस के संस्थापक जगदीश गांधी से अपनी प्रॉब्लम शेयर की।
-जगदीश गांधी ने पढ़ाई में उसका इंटरेस्ट जगाया और उनकी प्रेरणा से प्रतीक पढ़ने लगे।
मुलायम ने और क्या कहा?
-नेता के लिए चर्चा, पर्चा और खर्चा ठीक है, चर्चा भले ही निगेटिव क्यों न हो।
-थोड़े पैसे भी होने चाहिए, जिसके पास तीनों हों वह तरक्की करेगा।
-कौन क्या कहता है, इसक परवाह न करके जो सोचें वह करें।
-मेरे अलावा कोई ऐसा नेता नहीं जो विधानसभा और विधान परिषद में नेता विरोधी दल रहा हो।
बहू अपर्णा के लिए वोट मांगने से गुरेज
-मुलायम से जगदीश गांधी ने बहू अपर्णा यादव के बारे में दो शब्द कहने को कहा।
-मुलायम पहले टाल गए, बाद में सिर्फ उनका परिचय दिया, वोट मांगने से गुरेज किया।
जगदीश गांधी ने ये कहा
-प्रतीक जब सीएमएस पढ़ने आते थे तो वर्षों तक कोई नहीं जान पाया कि वह सीएम के बेटे हैं।
-कभी कभी मुलायम फोन किया करते थे कि मनु यानी प्रतीक बिना नाश्ता किए स्कूल गया है।