लोकसभा चुनाव में जोशी और जायसवाल के बीच यहां हो सकती है टक्कर

बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी ने एक बार फिर कानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है। उनकी टक्कर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्र श्रीप्रकाश जायसवाल से हो सकती है।

Update: 2019-01-19 09:29 GMT

कानपुर: बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी ने एक बार फिर कानपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है। उनकी टक्कर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्र श्रीप्रकाश जायसवाल से हो सकती है। बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में डॉ जोशी से कानपुर से चुनाव लड़ने के किए तैयारी करने को कहा गया है। जोशी ने राष्ट्रीय अधिवेशन के समाप्त होने के बादी कानपुर का रुख किया है। इन दिनों वो फुल एक्शन के मूनजर आ रहे हैं। वह संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करते दिखाई दे रहे हैं।

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सांसद मुरली मनोहर जोशी इन दिनों कानपुर की नब्ज टटोलने का काम कर रहे हैं। 23 जनवरी को संघ प्रमुख मोहन भागवत 10 दिनों के लिए कानपुर में प्रवास करने आर रहे हैं। इस दौरान डॉ जोशी मोहन भागवत से मिलकर चुनावी रणनीति तैयार करेंगे। सपा-बसपा गठबंधन की का योजना भी तैयार की जाएगी। 30 जनवरी को कानपुर में होने वाले बूथ सम्मलेन में बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ डाॅ जोशी भी शामिल होंगे।

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2014 में जोशी की हुई थी बड़ी जीत

2014 के लोकसभा चुनाव में डॉ मुरली मनोहर जोशी ने तीन बार के सांसद रहे पूर्व केंद्रीय कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल को करारी मात दी थी। श्रीप्रकाश जायसवाल 1999 के बाद से 2014 तक लगातार कानपुर के सांसद रहे, लेकिन मुरली मनोहर जोशी ने 2,22,946 वोटो के भारी अंतर से श्री प्रकाश जायसवाल को हरा दिया था।

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जोशी के लापता होने के लगे थे पोस्टर

कानपुर की जनता ने डॉ जोशी को जितना प्यार दिया उतना ही उनके प्रति गुस्से का भी इजहार किया। डॉ मुरली मनोहर जोशी लोकसभ चुनाव जीतने के बाद कानपुर को सबसे कम वक्त दिया है। इस बात की नाराजगी कानपुर की जनता में आज भी है। चुनाव जीतने के बाद कानपुर की जनता उन्हें देखने के लिए भी तरस गई। उन पर यहां तक आरोप लगे कि वो कब आते हैं और कब जाते हैं इसकी जानकारी बीजेपी नेताओं के पास भी नहीं होती है जिसकी वजह से पूरे कानपुर में डॉ जोशी के खिलाफ लापता होने के पोस्टर भी लगे थे।

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सपा-बसपा गठबंधन ने बिगाड़ा बीजेपी का गणित

सपा-बसपा गठबंधन ने बीजेपी का गणित बिगाड़ दिया है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और संगठन के कार्यकर्ताओं ने काम नहीं करने वाले सांसदों के टिकट काटने की बात कही थी, लेकिन बीजेपी का यह फार्मूला पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। अब बीजेपी काम के आधार पर नहीं बल्कि सांसद के जनाधार को देखकर टिकट देने पर विचार कर रही है। अगर कानपुर की बात की जाए तो कानपुर में सबसे अधिक ब्राह्मण वोटर हैं। बीजेपी के पास कानपुर में डॉ जोशी के अलावा एक भी ऐसा नेता नहीं है जो लोकसभा चुनाव ने श्रीप्रकाश जायसवाल को टक्कर दे सके।

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