मुस्लिम धर्मगुरुओं का ऐलान, शराबियों का होगा बहिष्कार, नहीं पढ़ेंगे नमाज़ ए जनाज़ा
बैठक में निर्णय लिया गया कि कमेटी के सदस्य जिले के अलग अलग क्षेत्रों में लोगों के बीच जाकर जाकर शराब छोड़ने की मुहिम छेड़ेंगे। यही नहीं, धर्मगुरुओं ने कहा कि अपील के साथ यह चेतावनी भी दी जाएगी कि धर्मगुरु किसी शराबी की नमाज ए जनाजा अदा नहीं पढ़ेंगे।
सहारनपुर: मुस्लिम विद्वानों का एक दल जिले में शराब विरोधी अभियान छेड़ेगा। इसके लिए शहर काजी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की पहली बैठक में फैसला लिया गया है कि कोई भी इमाम किसी शराबी के जनाजे की नमाज महीं पढ़ाएगा।
शराबी का बहिष्कार
शुक्रवार को पुराना चिलकाना रोड पर आयोजित मुस्लिम विद्वानों की बैठक में शराब विरोधी कई फैसले लिये गये।
बैठक में निर्णय लिया गया कि कमेटी के सदस्य जिले के अलग अलग क्षेत्रों में लोगों के बीच जाकर शराब छोड़ने की मुहिम छेड़ेंगे।
यही नहीं, धर्मगुरुओं ने कहा कि अपील के साथ यह चेतावनी भी दी जाएगी कि धर्मगुरु किसी शराबी की नमाज ए जनाजा नहीं पढ़ेंगे।
मौलाना जहीर फातमी ने कहा कि नमाज ए जनाजा नहीं पढ़ने का फैसला ऐतिहासिक है और इससे मुस्लिमों में मदिरापान के खिलाफ बड़ा संदेश जाएगा।
शराब बंदी की मांग
इस बैठक में प्रचलित कुरीतियों पर सख्ती से पेश आने का भी फैसला लिया गया।
फैसला लिया गया कि जिस शादी में दहेज दिया जाएगा या शरीयत के खिलाफ काम होगा, उस शादी में इमाम निकाह नहीं पढ़ेंगे।
बैठक में सरकार से प्रदेश में शराब बंदी किए जाने की मांग की गयी।
शहर काजी कारी इसहाक गोरा ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने के फैसले का भी स्वागत किया।