सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए बड़ी जेसीबी मुजफ्फरनगर होकर रवाना, हाईवे पर तैनात रही पुलिस
Muzaffarnagar News: हाईवे पर खड़े स्थानीय लोगों से newstrack.com ने बातचीत की तो उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की। कहा कि, यह मशीन जल्द से जल्द उत्तराखंड के सिल्क्यारा पहुंचे ताकि वहां फंसे 41 मजदूरों को सकुशल निकाल सके।
Muzaffarnagar News: उत्तराखंड के सिल्क्यारा स्थित टनल में 15-16 दिनों से 41 मजदूर फंसे हैं। उन्हें निकालने में तमाम संसाधनों के साथ बड़े इंजीनियरों की टीम काम कर रही है। साथ ही, स्थानीय प्रशासनिक एवं पुलिस टीम लगी हुई है ।
वहीं, अब केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के अनुपालन में सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने और रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के प्रयास जारी हैं। पहाड़ का सीना चीरकर मजदूरों को निकालने के लिए एक बड़ी जेसीबी मशीन भेजी गई है। शनिवार देर शाम यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के रास्ते जेसीबी को उत्तराखंड रवाना किया गया। उम्मीद जताई जा रही है कि यह मशीन कुछ घंटे बाद उत्तराखंड में पहुंच जाएगी। टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने में मददगार साबित होगी।
बिना रुके बड़ी जेसीबी रवाना
आपको बता दें कि, मुजफ्फरनगर में देर शाम वायरलेस सेट पर एक संदेश जारी हुआ। बताया गया एक बड़ी जेसीबी मशीन मुजफ्फरनगर के रास्ते उत्तराखंड जाएगी। जिसे बॉर्डर टू बॉर्डर सुरक्षा के साथ ही कहीं पर भी जाम न लगने पाए। इस हेतु तमाम पुलिस प्रशासनिक अधिकारी व्यवस्था बनाने में जुटेंगे। जैसे ही यह संदेश तमाम पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को प्राप्त हुआ तुरंत ही आनन-फानन में मुजफ्फरनगर के खतौली से लेकर पुरकाजी भुरेडी उत्तराखंड बॉर्डर तक नेशनल हाईवे- 58 पर तमाम थाना क्षेत्र के साथ ही यूपी 112 डायल को अलर्ट मोड पर कर दिया गया। पूरे नेशनल हाईवे 58 पर बिना रुके इस बड़ी जेसीबी मशीन को उत्तराखंड की और रवाना किया गया है।
लोगों ने की प्रार्थना
मुजफ्फरनगर की सीमा में दाखिल होते ही हाईवे पेट्रोल, खतौली पुलिस, फिर उसके बाद मंसूरपुर और नई मंडी थाना पुलिस के साथ ही छपार और पुरकाजी पुलिस बॉर्डर टू बॉर्डर इस मशीन को निकलवाने में जुट गई तो वहीं बड़ी जेसीबी मशीन को सुरक्षा के लिए हाईवे से बिना रुके मुजफ्फरनगर की सीमा से सकुशल निकला गया है। हाईवे पर जब कुछ स्थानीय लोगों से बातचीत की गई तो उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना के साथ ही कहा कि यह मशीन जल्द से जल्द उत्तराखंड के सिल्क्यारा पहुंचे ताकि वहां फंसे 41 मजदूरों को सकुशल निकाल सके और उनके परिजनों को उनसे मिला सके।