Muzaffarnagar News: हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की मिशाल, कावड़ियों के लिए मुस्लिम कर रहे व्यवस्था

Muzaffarnagar News: मुस्लिम लोगों का कहना है कि पिछले 20 सालों से कावड़ यात्रा के दौरान ये लोग व्यवस्थाओं की इसी तरह जिम्मेदारी पूरी करते चले आ रहे हैं।

Report :  Amit Kaliyan
Update: 2024-07-21 12:00 GMT

व्यवस्थाओं में जुटे लोग। (Pic: Newstrack)

Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में कांवड़ मार्ग पर पड़नी वाली दुकानों पर नेम प्लेट मामले को लेकर तरह-तरह की तस्वीर सामने आ रही है अब ऐसे में एक और ऐसी तस्वीर सामने आई है जो वास्तव में हिंदू मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक बन सकती है। जिसमे मुस्लिम समुदाय के कई लोग कावड़ मार्ग पर बैरिकेडिंग और अन्य व्यवस्थाओं का कार्य करते नजर आए। ये लोग इसी तरह पिछले 20 सालों से कावड़ मार्ग पर बैरिगेटिंग का काम करते चले आ रहे हैं। आपको बता दें कि इस बार कावड़ यात्रा के दौरान कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर नेम प्लेट का मुद्दा गरमाया हुआ है। बावजूद इसके इन लोगो को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता बल्कि ये अपने काम को हर साल की तरह से ही इस बार भी अंजाम दे रहे हैं ।

मुस्लिम कर रहे हैं कावड़ियों के लिए व्यवस्था

दरअसल यह तस्वीर मुजफ्फरनगर के दिल्ली हरिद्वार कावड़ मार्ग की है। जहां पर नगर पालिका के द्वारा कावड़ मार्ग पर कावड़ यात्रा को लेकर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसी दौरान कावड़ रूट के डिवाइडर पर बल्लियों से बैरिकेडिंग का कार्य भी किया जा रहा है और इस काम को मुस्लिम समाज के लोग अंजाम दे रहे हैं। जिनका कहना है कि पिछले 20 सालों से कावड़ यात्रा के दौरान ये लोग व्यवस्थाओं की इसी तरह जिम्मेदारी पूरी करते चले आ रहे हैं। इस वर्ष कावड़ यात्रा के दौरान मुजफ्फरनगर में कावड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर नेम प्लेट का मुद्दा सुर्खियों में है। बावजूद उसके इन लोगों का कहना है कि इस बात से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हम कावड़ यात्रा में पिछले 20 सालों से इस काम को अंजाम देते चले आ रहे हैं और इस बार भी कावड़ यात्रा की इन व्यवस्थाओं को पिछले कई दिनों से पूरा करने में जुटे हैं। निश्चित तौर पर यह तस्वीर हिंदू मुस्लिम एकता की प्रतीक कही जा सकती है।

दस साल से कर रहे हैं काम

कावड़ मार्ग पर बैरिकेडिंग के कार्य को अंजाम दे रहे हाजी एहसान का कहना है कि हम कावड़ियों के लिए बैरिकेडिंग कर रहे हैं जिससे कावड़िया इधर से उधर ना आए। हम लगभग 10 साल से ये काम कर रहे हैं। हमारे शहर में कोई ऐसी बात नहीं है बस राजनीति है। हमारे यहां ऐसा कुछ नहीं है। यह सही तो है ही नहीं यह तो फिर वही बात आ जाएगी की तुम मुसलमान से लगते हो मैं हिंदू सा लगता हूं यह फर्क आ जाएगा। हम यह काम काफी समय से कर रहे हैं और हम पूरी कावड़ में फिरेंगे। ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। जहां भी किसी बात का पता चलता है या पुलिस या ठेकेदार वाले हमें कहते हैं हम तुरंत आते हैं। हमें कोई दिक्कत नहीं है, हम 10 बंदे हैं जिसमें सभी मुस्लिम हैं।

प्रशासन बढ़ा रहा भेदभाव

मोहम्मद ईशा की माने तो जय हम सेवा का काम कर रहे हैं। बल्ली आदि लग रहे हैं, जिससे कांवडिया इधर से उधर ना जाए या पब्लिक इधर से उधर ना जाए तो उनकी सेवा की वजह से ही कर रहे हैं। हम यह काम 20 साल से कर रहे हैं। हमारी 10 12 लोगों की टीम है जिसमें मुस्लिम भी हैं, हिंदू भी हैं। सब लोग एक ही काम करते हैं। हम तो 20 साल से सेवा में लगे हैं। यह गलत है क्योंकि हम में कोई ऐसा भेदभाव नहीं है। यह गलत है क्योंकि इससे ऊंच-नीच का फर्क आता जा रहा है। प्रशासन ही लगा रहा है बस।

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