Muzaffarnagar Slapping Incident: सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश, कहा- पेरेंट्स के मनपसंद स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाए यूपी सरकार

Muzaffarnagar Slapping Incident: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि कुछ वरिष्ठ अधिकारी चाहें तो स्कूल के प्रिंसिपल से बात कर सकते हैं। यह हो सकता है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी स्कूल बच्चे को एडमिशन देने से इनकार करेगा।

Update: 2023-11-06 17:46 GMT

Muzaffarnagar Slapping Incident: मुजफ्फरनगर के छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग को दिए गए अपने पहले के आदेश का पालन नहीं होने पर असंतोष व्यक्त किया। अपने संक्षिप्त सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की बेंच ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि कोई भी एफिडेविट समय पर दाखिल नहीं किया गया और पीठ को कोई जानकारी नहीं मिल सकी। न्यायमूर्ति ओका ने यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज से पूछा कि बच्चे की काउंसलिंग के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

एएसजी ने बेंच को बताया कि बच्चे की काउंसलिंग लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में हो सकती है। इस पर याचिकाकर्ता तुषार गांधी की ओर से पेश वकील शादान फरासात ने शीर्ष कोर्ट से कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि केजीएमयू एक प्रतिष्ठित अस्पताल है, लेकिन चाइल्ड साइकोलॉजी के मामले में टीआईएसएस एक बेहतर विकल्प हो सकता है। राज्य इसका खर्च वहन कर सकता है और टीआईएसएस को नियुक्त किया जा सकता है।'

पीठ ने पूछा-एनआईएमएचएएनएस में हो सकती है बच्चे की काउंसलिंग?

इसका जवाब देते हुए, न्यायमूर्ति ओका ने एएसजी से यह पता लगाने के लिए कहा कि केजीएमयू में क्या चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट उपलब्ध हैं? और कहा, 'वास्तव में एनआईएमएचएएनएस (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज) जैसी संस्था बेहतर है और उनके पास बहुत सारे विशेषज्ञ उपलब्ध हैं।' एएसजी केएम नटराज ने इसके जवाब में कहा कि एनआईएमएचएएनएस हर राज्य में नहीं है। इसके बाद बेंच ने यूपी राज्य के शिक्षा विभाग के वकील से पूछा कि क्या बच्चे को किसी स्कूल में दाखिला दिया गया है? 'हम यूपी बोर्ड के स्कूल में बच्चे को एडमिशन दिलवा सकते हैं।'

यूपी बोर्ड के किसी स्कूल में दाखिला दिला सकते हैं-

पीठ के सवाल का जवाब देते हुए, यूपी शिक्षा विभाग के वकील ने कहा, 'बच्चे के पिता ने सीबीएसई स्कूल में प्रवेश के लिए हलफनामा दायर किया है। हमने एक समिति बनाई है, क्योंकि यह सीबीएसई के अंतर्गत आता है, यूपी बोर्ड के नहीं। यूपी बोर्ड के किसी स्कूल में दाखिला देने में हमें कोई समस्या नहीं है, हम बच्चे का एडमिशन करवा सकते हैं। 'इस पर याचिकाकर्ता के वकील शादान फरासात ने कहा, 'क्षेत्र (मुज्जफरनगर) में एक अच्छा निजी स्कूल है और राज्य प्रवेश की सुविधा दे सकता है। वहां ईडब्ल्यूएस सीटें भी हैं।'

सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई 10 नवंबर को करेगा-

न्यायमूर्ति एएस ओका ने राज्य सरकार के वकील से देखने के लिए कहा कि मामले में क्या किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'कुछ वरिष्ठ सरकारी अधिकारी चाहें तो स्कूल के प्रिंसिपल से बात कर सकते हैं। यह हो सकता है। मुझे नहीं लगता कि कोई भी स्कूल बच्चे को एडमिशन देने से इनकार करेगा। पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 10 नवंबर तय की। बतादें कि यह मामला उस घटना से संबंधित है जिसमें उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक प्राइवेट स्कूल में 7 वर्षीय बच्चे को उसकी शिक्षिका ने साथी छात्रों से थप्पड़ मरवाए थे।

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