पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बंगले पर चलेगा बुल्डोजर
पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की मुश्किलें बढने वाली हैं। पिछले साल जिस बंगले की जमीन को सेना ने खाली कराया था, अब उस पर कराये गये अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चलाने की तैयारी है।
लखनऊ: पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी की मुश्किलें बढने वाली हैं। पिछले साल जिस बंगले की जमीन को सेना ने खाली कराया था, अब उस पर कराये गये अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चलाने की तैयारी है।
बंगला नसीमुद्दीन की पत्नी के नाम है। मध्य कमान मुख्यालय में चल रहे मुकदमे का फैसला छावनी परिषद के पक्ष में आया है।
नसीमुद्दीन ने पत्नी हुस्ना सिद्दीकी के नाम से 12 थिमैया रोड का बंगला खरीदा था। बंगला सैन्य मुख्यालय के दस्तावेजों में मध्य कमान के पूर्व सेनाध्यक्ष ले. जनरल जीएस चैहान की पत्नी मीरा चौहान के नाम दर्ज था। अभी वह विमला देवी के नाम से दर्ज है।
ये भी पढ़ें...नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने लगाया शोषण का आरोप, कहा- मायावती से जान का खतरा
लगभग 4 एकड़ में फैला हुआ है
बंगले का नामांतरण अभी तक हुस्ना सिद्दीकी के नाम से नहीं हो सका है। उसका क्षेत्रफल 4.04 एकड़ है। इसमें तीन एकड़ जमीन अतिरिक्त पड़ी थी। उस पर पिछले साल 27 अक्टूबर को सेना ने कब्जा हटाकर अपने अधिकार में ले लिया था।
बंगले के एक हिस्से में सर्वेंट क्वार्टर के नाम पर बिना अनुमति के निर्माण कराया गया है। इस पर छावनी परिषद ने धारा 248 का नोटिस भेजकर काम बंद कराने को कहा।
नोटिस को लेकर हुस्ना ने मध्य कमान सेनाध्यक्ष ले. जनरल अभय कृष्णा के समक्ष अपील की। अपील के दौरान हुस्ना सिद्दीकी और छावनी परिषद ने अपना पक्ष रखा।
इस पर बीती सात जून को मध्य कमान सेनाध्यक्ष ने हुस्ना की अपील को निरस्त करते हुए छावनी परिषद प्रशासन को अवैध निर्माण तोडने के लिए ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
ये भी पढ़ें...गिरी गाज! BSP ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को राष्ट्रीय सचिव छोड़ सभी पदों से हटाया
परिषद के सीईओ अमित कुमार मिश्र के मुताबिक बोर्ड की मंजूरी मिल गई है। ध्वस्तीकरण का नोटिस जल्द ही जारी होगा।
गौरतलब है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गिनती वर्ष 2007 की मायावती सरकार में सबसे ताकतवर मंत्रियों में होती थी और वह बसपा के एकमात्र मुस्लिम चेहरा माने जाते थे।
वर्ष 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमों मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बेटे समेत पार्टी से बाहर कर दिया था।
जिसके बाद नसीमुद्दीन कांग्रेस में शामिल हो गये थे और कांग्रेस के टिकट पर बिजनौर से लोकसभा चुनाव भी लड़े थे, जिसमे वह हार गये थे।
ये भी पढ़ें...नसीमुद्दीन सिद्दीकी बने रहेंगे MLC, बसपा की याचिका खारिज